Kerala Wayanad Landslide: केरल वायनाड में इस समय जो तबाही मची है, उसके निशान सालों तक लोगों के मानों में रहने वाले हैं क्योंकि इस तबाही ने सब कुछ बर्बाद कर दिया, अपनों को छीन लिया, घरों को तहस-नहस कर दिया, बता दें की वायनाड में मंगलवार को पहाड़ से बहकर आए सैलाब ने हाहाकार मचा दिया है. करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव सिर्फ 4 घंटे में पूरी तरह तबाह हो गए हैं.

150 से ज्यादा लोगों की मौत

लैंडस्लाइड की वजह से भारी तबाही मची हुई है. अभी तक इस आपदा में 150 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कई लोग घायल हैं. केंद्र सरकार भी लगातार बचाव कार्य में लगी हुई है. सरकार अपनी तरफ से लोगों की सुरक्षा के लिए सारी कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार वायनाड में हर संभव मदद के लिए मौजूद है. 151 लोग अभी भी लापता हैं.

इस आपदा ने 11 साल पहले आई केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं. जो रात में सोया था, उसे उठने तक का मौका नहीं मिला और सुबह मलबे में मिला. चारों तरफ बर्बादी ने इन गांवों की खूबसूरती को उजाड़ दिया है. वायनाड में जो चार गांव जमींदोज हुए हैं, उनमें मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा का नाम शामिल है.

वायनाड की सबसे बड़ी त्रासदी

इस समय केरल में कुदरत की विनाशलीला देखकर हर कोई सहम गया है. वायनाड में इसे सबसे बड़ी त्रासदी माना जा रहा है. बता दें की चार घंटे में तीन जगह लैंडस्लाइड हुई और पहाड़ों से आया सैलाब चार गांवों को बहा ले गया. अब मलबे को निकाला जा रहा है और उसमें कीचड़ से लथपथ या पत्थर के नीचे दबी लाशें मिल रही हैं. फिलहाल लोगों की मौतों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

वायनाड में बाढ़ के चलते आई प्राकृतिक आपदा से राज्य को काफी नुकसान हुआ है. केरल के वायनाड जिले के मेप्पाडी इलाके में 30 जुलाई की सुबह हुए लैंडस्लाइड में जान गंवाने वाले लोगों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है और इसके साथ ही घायलों को 50,000 रुपए की सहायता देने की बात कही.

वायनाड में राहत-बचाव कार्य तेजी से जारी है लेकिन तबाही का ये मंजर लंबे समय तक आंखों के सामने आता रहेगा. केंद्र और राज्य सरकार के आपसी सहयोग और तालमेल से भले ही केरल इस मुश्किल घड़ी से निकल जाए लेकिन जिन लोगों ने इस त्रासदी में अपनों को खोया है उनके जख्म शायद ही कभी भर पाएं.