UPSC Lateral Entry: राहुल गांधी अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं, अब एक बार फिर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भड़क उठे हैं, दरअसल, राहुल ने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर लेटरल एंट्री के जरिये जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने के फैसले की आलोचना की है.
राहुल गांधी ने साधा निशाना
राहुल ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा है कि पीएम मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं. उच्च पदों पर लैटरल भर्ती करके SC-ST-OBC का आरक्षण खुलेआम छीना जा रहा है. UPSC की जगह RSS के जरिए लोकसेवकों की भर्ती हो रही है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखी पोस्ट में राहुल गांधी ने इसे प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाला फैसला बताते हुए कहा कि इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा. इससे पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने भी इसे भाजपा की मनमानी बताया और साजिश और संविधान का उल्लंघन करार दिया.
उन्होंने आगे कहा कि IAS का निजीकरण किया जा रहा है. यह आरक्षण खत्म करने की मोदी की गारंटी है. उन्होंने कहा कि ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे, इसका ज्वलंत उदाहरण सेबी है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया.
अखिलेश करेंगे आंदोलन
वहीं राहुल के अलावा UPSC की इस स्कीम का सपा और बसपा ने भी विरोध किया है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि वो 2 अक्टूबर को इस स्कीम के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र पर कॉरपोरेट के कब्जे को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि कॉरपोरेट की अमीरोंवाली पूंजीवादी सोच ज्यादा से ज्यादा फायदा हासिल करने की होती है
मायावती ने जताया विरोध
वहीं बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा.