Maharashtra New CM: महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद से महाविकास अघाड़ी में करारी हार के साइड इफेक्ट अब दिखने लगे हैं. जहां बीते दिन महायुति में सीएम पद पर फंसा पेंच खत्म हुआ, तो अब विपक्षी खेमें में हलचल तेज होने लगी है.

खबरों की मानें तो महाराष्ट्र में करारी हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे पर दवाब बना रहे हैं, उनका कहना है कि उद्धव ठाकरे को महाविकास अघाड़ी (MVA) से अलग हो जाना चाहिए.

पार्टी में क्यों आई दरार?

अब सवाल है कि क्या शरद पवार और राहुल गांधी से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का मोह भंग हो गया? क्या बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे को अपनी गलती का एहसास हो रहा है? क्या वह सच में महाविकास अघाड़ी का साथ छोड़ेंगे? क्या शिवसेना महाविकास आघाड़ी से अलग होगी?

दरअसल, महाराष्ट्र चुनावों (Maharashtra elections) में करारी हार के बाद अब शिवसेना में यह आवाज उठने लगी है कि अब उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाड़ी से अलग हो जाना चाहिए.

शिवसेना (Shivsena) तमाम कार्यकर्ता अभी यह मांग करने लगे हैं कि अब उद्धव ठाकरे को महा विकास आघाड़ी से अलग हो जाना चाहिए. शिवसेना को अकेले महाराष्ट्र में फिर से खड़े होने की जरूरत है.

पर इस मामले में अभी तक उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर से किसी भी बड़े नेता का बयान नहीं आया है. खुद उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने अभी तक कोई भी अलग होने का फैसला नहीं लिया है.

हालांकि, शिवसेना के भीतर दबी जुबान से इस मांग के उठने की वजह भी है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के साथ शिवसेना को फायदा कम और नुकसान अधिक हुए हैं. सीटों की संख्या भी लगातार घटती ही जा रही है.

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में शिवसेना उद्धव गुट को 20 सीटों पर जीत मिली है. वहीं कांग्रेस (Congress) को 16 और शरद पवार की एनसीपी को केवल 10 सीटें मिली हैं. जबकि करीब छह माह पहले लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाढ़ी गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था.

सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र चुनाव चुनाव में शिवसेना के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर नेताओं ने उद्धव ठाकरे से से बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़ने की गुजारिश की है.