मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शराब का काला कारोबार अपनी चरम सीमा पर

शराब माफिया के आगे नतमस्तक शिवराज सरकार

भोपाल में शहर से गांवों तक में अवैध तरीके से बिक रही शराब

बड़े साहब के है बड़े कारनामे

सरकारी शराब की दुकानों में ठेकेदारों के द्वारा मनमाने दामों पर शराब बेचीं जा रही

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आबकारी विभाग की मिली भगत और भ्रष्ट अधिकारीयों की मदद से भोपाल शहर और खासकर ग्रामीण इलाकों में शराब बेचने वाले एमआरपी रेट से अधिक मनमाने रूप से पैसा वसूल रहे है

देखा जाए तो भोपाल के चारो और लगभग पचास से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में शराब ठेकेदार खुलकर अवैध शराब बेच रहे है।

अब जब ठेकेदारों के सर पर सहायक आबकारी आयुक्त भोपाल का हाथ हो तो उन्हें रोकना असंभव है।

शहरवासी भी इन शराब ठेकेदारों और शराब विक्रेताओ की मनमानी से परेशान

शराब की दुकानों को 11.30 बजे बंद कर दिया जाना चाहिए लेकिन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में देर रात तक शराब की दुकानें खुली रहती हैं और इस पर रोक लगाने वाला आबकारी अमला खर्राटे भर कर सोता है।

यह सब हो रहा हैं इससे सरकार को करोड़ो रुपए सालाना का चूना लग रहा है।