मंदसौर- सीतामऊ और चौमहला के बीच चंबल नदी पर बना धतूरिया ब्रिज वर्ष 2019 में बाढ़ में बह गया था 2 राज्यों को जोड़ने वाले इस ब्रिज के अभाव में लाखों लोग परेशान हो रहे थे परंतु अब रिवाइज एस्टीमेट निकालकर टेंडर बुलाए गए हैं जिसके बाद ब्रिज का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया जाएगा प्रदेश शासन द्वारा इस ब्रिज के निर्माण के लिए 18,94 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी किंतु एस ओ आर के चलते इस ब्रिज की लागत से 23 करोड़ तक पहुंच गई है बढ़ती लागत को देखते हुए अधिकारियों ने रिवाइज स्टीमेट प्रशासन को भेजा और स्वीकृति मिलते ही सेतु विभाग ने टेंडर निकाल दिए हैं
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टेंडर पास होते ही जनता को हो रही परेशानी से निजात मिलने की प्रक्रिया शुरू होती दिखाएं दे रही है 330 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा यह ब्रिज लोगों को 50 से 60 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर बचाएगा और आवागमन मैं सुविधा उपलब्ध कराएगा अभी अगर किसी को सीतामऊ से चौमहला जाना है तो उसे सुवासरा या आलोट होते हुए जाना पड़ता है 50 से 60 किलोमीटर के इस अतिरिक्त सफर में समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है वही ब्रिज के अभाव में आसपास के गांव के किसानों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है 2019 मैं यह ब्रिज बाढ़ में बह गया था जिससे सबक लेते हुए इस बार सबमर्सिबल तैयार किया जाने वाला है सेतु विभाग का कहना है कि अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो पानी ब्रिज के ऊपर से वह जाएगा परंतु इसे कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचेगा बिरज की हाय और चौड़ाई पुराने ब्रिज की तरह ही रखी गई है बता दें कि यह ब्रिज मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमाओं को जोड़ता है पोल बन जाने के बाद दोनों प्रांतों में व्यापार और व्यवसाय की गतिविधियां तेजी से चल सकेगी फिलहाल आवागमन के चलते जो परेशानियां आ रही है उसमें लाखों लोगों को निजात मिल सकेगा