आजकल मप्र के राजनीतिक गलियारों में यह सवाल पूछा जा रहा है कि सिंधिया समर्थक सभी मंत्री कैबिनेट की बैठक से क्यों गायब हुए? पिछले मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई थी। तीन दिन पहले बैठक की सूचना और एजेंडा मंत्रियों को भेज दिया गया। मुख्यमंत्री तय समय पर मंत्रालय भी पहुंच गये, लेकिन अधिकांश मंत्री नहीं पहुंचे।

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एक अधिकारी ने मंत्रियों को फोन लगाया तो कुल 7 मंत्री दौड़ते भागते मंत्रालय पहुंचे, लेकिन इनमें एक भी सिंधिया समर्थक मंत्री नहीं था। कैबिनेट की बैठक का समय 4 बार बढ़ाया गया। अंतत: मुख्यमंत्री को कैबिनेट बैठक निरस्त करना पड़ी। इस संबंध में मीडिया को सफाई दी गई कि अधिकांश मंत्री चुनाव प्रचार के लिए गुजरात गये हैं। जबकि सिंधिया समर्थक सभी मंत्री चुनाव प्रचार में नहीं गये हैं। सिंधिया समर्थक सभी मंत्रियों का कैबिनेट से गायब रहना मप्र की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया हैं। यह चर्चाये गली मोहल्ले की हे हम इनकी पुष्टि नही करते