मध्यप्रदेश में 1 से 10 दिसंबर के बीच कई बड़ी स्वदेशी एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों जैसी अशोक लीलैंड, होटल तुली मोक्सा यू .एस.ए रेडविन ताइवान मोटरोला टॉप ग्रुप इंटरनेशनल सी.ए.ई कॉम्पेटेंट ऑटो मोबाइल गिरीश इंडस्ट्रीज द्वारा अंतिम वर्ष के आईटी एवं तकनीकी क्षेत्रों के विद्यार्थियों का चयन कार्यक्रम रखा गया

जिसमें भोपाल इंदौर ग्वालियर जबलपुर सहित अन्य जिलों से छात्र शामिल होंगे और केंपास चयन के अलावा यही कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है.

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उन विद्यार्थियों के लिए जो बरसों से अपने शिक्षा के बल पर नौकरी हासिल करने का सपना देख रहे थे हजारों बेरोजगार युवा एवं छात्रों को रोजगार का अवसर दे रही कई कंपनी भी दिसंबर 10 तक की प्रवेश कर रही है छात्रों का चयन और इन्हीं कामयाबी में छात्रों को नौकरी मिलेगी वही कॉलेजों में परीक्षाओं की भी घोषणा की जा चुकी है.

अब सोचने वाली बात यह है कि जो छात्र नौकरी पाने के लिए बरसों से इंतजार कर रहे थे कालेज संचालकों की लापरवाही के कारण परीक्षा और कंपनियों का आगमन एक ही समय पर है.

अब छात्र एग्जाम देंगे या फिर कंपनियों मे अपना इंटरव्यू यह छात्रों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ गई है इसके लिए छात्रों ने मध्य प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को ज्ञापन सौंपकर परीक्षा और कंपनियों के कैंपस के आगमन का समय परिवर्तन के लिए आवेदन के माध्यम से मांग की है.

भोपाल शहर में भी 1 दिसंबर तक बड़ी कंपनियों द्वारा इस प्रकार के आयोजन करने के लिए छात्रों को बुलावा भेजा गया है जो कि इंदौर दिल्ली जैसी जगह रखा गया है इस योजना में भोपाल शहर के कुछ बड़े कॉलेज भी शामिल है जो छात्रों को नौकरी दिलाने के लिए कैंपस बुलाकर छात्रों का चयन करवाएंगे जबकि बड़ी कंपनियों में नौकरी के लिए केंपस कॉलेजों द्वारा ही आमंत्रण किया जाता है अब इतनी बड़ी गलती कॉलेज संचालक कैसे कर सकते हैं यह चिंताजनक सवाल बना हुआ है जिसमें छात्र गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहे छात्रों को लगने लगा है कि उनके साथ रोजगार के नाम पर एक गंदा मजाक किया जा रहा है अगर इस निर्णय पर जल्द से जल्द फैसला नहीं लिया गया तो लाखों छात्रों का मनोबल टूटने के साथ-साथ उनका जीवन अंधकार में जा सकता है.