नर्मदापुरम 29 अगस्त 2021 को कांग्रेस की एक पदाधिकारी द्वारा शिकायत कर उन्हें पाॅस्को एक्ट, 354, 376 के झूठे केस में फंसाया गया था। मामले में उन्हें ढ़ाई माह तक जेल में रहना पड़ा। भाजपा नेता होने से मामला राजनैतिक रूप से बहुचर्चित रहा था। संजीव मिश्रा और उनके परिवार को झूठ के कारण अपमानित होना पड़ा था। राजनीति के शिकार हुए भाजपा खेल प्रकोष्ठ के पूर्व जिला संयोजक व वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष संजीव मिश्रा अदालत से दोष मुक्त हुए।

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सवा साल की लंबी लड़ाई के बाद 12 दिसंबर को विशेष न्यायालय पॉस्को एक्ट न्यायाधीश आरती ए शुक्ला ने संजीव मिश्रा को आरोपों से दोषमुक्त किया। कोर्ट से न्याय मिलने के बाद भाजपा नेता संजीव मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा “सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं। कुछ राजनीति लोगों द्वारा किए मेरे चरित्र को खराब दिखाने के प्रयास विफल हुए। मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था। कोर्ट से मुझे आशानुरूप न्याय मिला।

कोर्ट में मामले में पीड़िता के पक्ष से जो गवाह रहे। अधिकांश गवाह बयानों से पलट गए। गवाई से भाजपा नेता का पक्ष मजबूत हुआ। पीड़िता ने थाने में दिए आवेदन में नाबालिग होना बताया था। कोर्ट में प्रस्तुत दस्तावेज में पीड़िता की उम्र 18 साल पाई गई।

संजीव मिश्रा भाजपा खेल प्रकोष्ठ के पूर्व जिला संयोजक के अलावा श्री समर्पण श्री सोशल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष है। नर्मदापुरम जिले में सबसे बड़े गरबा महोत्सव के आयोजक के तौर पर वे पहचाने जाते है। राजनीति षड्यंत्र के चलते उन पर झूठे आरोप लगे थे।