माखननगर के समीप ग्राम मोहासा मे चल रही दिव्य भागवत कथा में परम् पूज्य संत भक्त पंडित भगवती प्रसाद तिवारी जी ने कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा मे बताया कुछ महत्वपूर्ण बाते

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सतगुरु श्री शुकदेव जी महाराज ने अभिमन्यु नंदन सम्राट परीक्षित जी को समझाया इस दुनिया में हम कुछ लेकर आए भी नहीं और कुछ लेकर जाएंगे भी नहीं लेकिन हम चाहें तो कुछ दे करके अवश्य जा सकते हैं।

जीवित अवस्था में होंश पूर्वक हमारे हाथ में है, जो कर सकते हैं उन सत्कर्मों को भजन,नाम जप,सेवा दान, धर्म, ध्यान, सहयोग कल पर मत टालिए।कल किसने देखा है।जो अच्छे काम हम से हो सकते हैं, कर डालो, नहीं तो बाद में पछताना पड़ेगा, बहुत लोग पछता रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा की अच्छा काम करने का अवसर मिले तो निष्काम भाव से कर डालो यह सोच के की हमें मौका मिल रहा है। उनका कहना है की परमात्मा बड़े दयालु है,सभी को अपने अपने सामर्थ्य के अनुसार दुसरो का भला करने का मौका देते हैं। समझदार मनुष्य मौके का फायदा उठाते हैं और मूर्ख,कम बुद्धि वाले लोग सेवा , सहयोग, सत्संग, सत्कर्म से चूक जाते हैं। कुछ नादान,नासमझ लोग कहते हैं,सब दुःख, चिंता, परेशानी,से छुटकारा मिल जाऐ फिर बाद में भजन, सत्संग, सेवा करेंगे ये बात झूठी है। रिपोर्टर- मनीष यादव