राजस्थान और मध्यप्रदेश में हुई बेमौसम बारिश और ओले गिरने से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। राजस्थान में कोटा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर समेत कई शहरों में 1 इंच (25MM) तक बरसात हुई, जिससे इन जिलों में गेंहू, चना, सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा है।

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वहीं, मध्यप्रदेश में मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, भोपाल समेत कई जिलों में गेहूं-चने की फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रदेश के राजगढ़, उज्जैन, छिंदवाड़ा, विदिशा में भी तेज बारिश हुई। शाजापुर और उज्जैन जिले में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।

जयपुर मौसम केन्द्र और जल संसाधन विभाग से जारी रिपोर्ट देखें तो कल कोटा के चेचट में सबसे ज्यादा 25MM बरसात हुई। कोटा के अलावा डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बूंदी, उदयपुर, जालौर, सिरोही, राजसमंद, बाड़मेर में भी कई हिस्सों में तेज बारिश के साथ आंधी चली। राजसमंद, चित्तौड़गढ़ के कुछ हिस्सों में बारिश के साथ चने के आकार के ओले भी गिरे। अगले दो दिन प्रदेश में ऐसा ही मौसम रहने की आशंका है।

राज्य में रबी की फसलों को नुकसान
बेमौसम बारिश, ओले गिरने और तेज हवाएं चलने से रबी की फसलों को नुकसान हुआ। कोटा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद एरिया में गेहूं, चने की फसलों की कटाई चल रही है। बारिश और ओले गिरने से ये फसल गीली हो गईं।

इसके अलावा तेज हवाओं के कारण कई जगहों पर फसलें नीचे गिर गई, जिससे उनके खराब होने की आशंका बढ़ गई। इधर मौसम विभाग की ओर से दो दिन और बारिश और ओले गिरने की चेतावनी ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है।

राज्य में पिछले 3 दिन से मौसम बदला हुआ है। प्रदेश के लगभग आधे जिले पानी में तरबतर हो गए हैं। सोमवार को राजधानी में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। मंदसौर शहर, मंदसौर जिले कई जगह मक्के के आकार के ओले गिरे। यहां फसलों की डोडियां नष्ट हो गईं। वहीं, अफीम की फसल पानी में धुलने से पत्ते भी टूट गए।

मौसम विभाग ने अगले तीन दिन यानी 9 मार्च तक तेज आंधी के साथ बारिश और ओले गिरने की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मार्च में पिछले 12 साल से बारिश का ट्रेंड रहा है।