एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने यूक्रेन को गोला-बारूद की सप्लाई के लिए ब्रिटेन के साथ समझौता किया है। समझौता पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के साथ किया गया है, जिनका स्वामित्व पाकिस्तान सरकार के पास है। करार के तहत तोपखाने के रॉकेट सहित गोला-बारूद के 162 कंटेनरों की खेप एमवी ज्यूस्ट जहाज से फरवरी में कराची बंदरगाह से जर्मनी के रास्ते यूक्रेन भेजी गई है। इसकी चर्चा इसलिए भी है, क्योंकि रूस ने पाकिस्तान को जहाज के जरिए गेहूं की बड़ी खेप भेजी थी। अब रूसी कच्चे तेल की खेप भी पाकिस्तान पहुंचने वाली है।

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ये पहला मौका नहीं है, जब रूस के साथ एक साल से जारी युद्ध में यूक्रेन को गोला-बारूद पहुंचाने में पाकिस्तान का नाम सामने आया हो। पहले ब्रिटेन ने एक एयर ब्रिज के जरिए यूक्रेन को हथियार भेजे थे, तब भी पाकिस्तान उसका हिस्सा बना था। ब्रिटेन के अलावा पोलैंड की एक फर्म ने भी यूक्रेन को गोला-बारूद पहुंचाने के लिए पाकिस्तानी कंपनी के साथ करार किया है। कनाडा की एक कंपनी इस प्रक्रिया में मध्यस्थ है।

पाकिस्तान ने कंधे पर रखकर इस्तेमाल किए जाने वाले एयर डिफेंस सिस्टम अनजा मार्क 2 की खेप पोलैंड को निर्यात की है। इसे यूक्रेन पहुंचाया जाना है। एयर ब्रिज का मतलब उन देशों के हवाई क्षेत्रों से होकर गुजरना है, जहां दूसरे देशों की तुलना में कम जोखिम हो। ब्रिटेन ने कथित रूप से यूक्रेन को गोला-बारूद और हथियार पहुंचाने के लिए एयर ब्रिज के जरिए पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयर बेस का इस्तेमाल किया।

बदले में पाक के हेलीकॉप्टर अपग्रेड करेगा यूक्रेन
गोला-बारूद के बदले में यूक्रेन ने अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को अपग्रेड करने के लिए पाकिस्तान की मदद करने का वादा किया है। विमान के इंजनों के साथ औद्योगिक समुद्री गैस टरबाइनों के निर्माण से जुड़ी यूक्रेन की एक कंपनी कथित तौर पर हेलीकॉप्टरों को अपग्रेड करने में पाकिस्तान की मदद कर रही है।