देश में ही नहीं, विदेशों में भी खालिस्तानी समर्थकों ने इस वक्त उत्पात मचा रखा है. पहले लंदन में तिरंगे का अपमान किया और अब अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया. सैन फ्रांसिस्को में हुए इस हमले को लेकर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के हमले बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किए जाएंगे.

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सैन फ्रांसिस्को में 19 मार्च को खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था और वहां तोड़फोड़ को अंजाम दिया. इतना ही नहीं खालिस्तानी समर्थकों ने दूतावास परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे में लगा दिए थे. हालांकि सुरक्षाबलों ने घटना के कुछ देर बाद उन झंडों को वहां से हटा दिया था.

हमले को लेकर जानिए अब तक की बड़ी बातें

  • हमले के बाद नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के कॉर्डिनेटर जॉन किर्बी ने कहा कि हम स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रहे हैं. इस तरह के हमले बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किए जा सकते.
  • किर्बी ने यह भी कहा कि हम भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद वहां हुए नुकसान की भरपाई करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करेंगे. अमेरिका में हिंसा दंडनीय अपराध है.
  • इस घटना के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के साउथ और मिडिल एशिया ब्यूरो का भी बयान सामने आया. उनका कहना है कि दूतावास जैसे केंद्रों में काम करने वाले डिप्लोमेट्स और अधिकारियों को सिक्योरिटी देना यूएस की प्राथमिकता है.
  • एशियाई अमेरिकी और पेसिफिक आईलैंड के लोगों से जुड़े मामलों पर राष्ट्रपति जो बाइडेन के एडवाइजरी कमीशन के मेंबर अजय जैन भुटोरिया ने भी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. भुटोरिया ने कहा कि हम सैन फ्रांसिस्को पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और दूतावास में काम करने वाले लोगों को सुरक्षा देने की मांग करते हैं.
  • सिख ऑफ अमेरिका के जस्सी सिंह ने कहा हम हमला करने वालों पर कार्रवाई चाहते हैं. यूएस में शांति के साथ प्रदर्शन करने का अधिकार सबको है. इंडिस्पोरा ने भी दूतावास में हिंसा की निंदा की. वहीं, यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल ने कहा कि हम दूतावास के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.