जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज डॉक्टरों के विरोध के बाद विधानसभा में गहलोत सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल पास कर दिया है. जिसके लेकर डॉक्टर्स बीते 2 दिन से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. बता दें कि, बीते दिन पहले भी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. जिस पर पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया था. हालांकि, इस घटना के विरोध पर डॉक्टरों ने अपना काम बंद कर दिया था.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे प्राइवेट डॉक्टरों का कहना है कि, प्रदेश सरकार ने उनकी शर्तों और सुझावों को बिल में शामिल नहीं किया है, जिसके कारण ये पूरा बिल ही स्वास्थ्य सिस्टम का विरोधी नजर आ रहा है. बताया जा रहा है किडॉक्टर्स ने बिल के खिलाफ बीते रात धरना दिया था. हालांकि, अब इनके समर्थन ने सवाई मानसिंह अस्पताल के रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर्स भी शामिल हो गए है.

दरअसल, विधानसभा में मंगलवार को राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 बिल पारित हो गया है. वहीं, प्राइवेट डॉक्टरों का कहना है कि इस बिल से प्राइवेट डॉक्टरों पर नौकरशाही का कंट्रोल बढ़ जाएगा. जबकि, इस बिल में प्रदेशवासियों को अस्पतालों और क्लीनिक से फ्री स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने का अधिकार देने का नियम होगा, जिसमें प्राइवेट क्लीनिक भी शामिल होंगे.

बता दें कि, राजधानी जयपुर में स्थितस्टेच्यू सर्किल पर विरोद प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा में बीते सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री से मिला था. जिस पर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री से बिल को वापस लेने की मांग की थी.

हालांकि, सभी प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स राजस्थान सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे थे, मगर, कोई संतोषजनक जवाब ना मिलने पर डॉक्टरों के समूह ने विधानसभा को ओर बढ़ना शुरू किया. मगर, पुलिस ने उन्हें स्टेच्यू सर्किल पर रोक दिया.