प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विश्व टीबी दिवस’ के अवसर पर वाराणसी में एक समिट का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत समय से पहले लक्ष्य को हासिल कर रहा है. दुनिया से टीबी को खत्म करने के लिए 2030 का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन भारत इसे 2025 तक जड़ से खत्म करने के लिए तेजी से काम कर रहा है. समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी एक महात्मा गांधी से जुड़े एक सालों पुराना वाकये का भी जिक्र किया.

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समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सालों पुराना एक एक वाकया भी याद आ रहा है. महात्मा गांधी ने लेप्रोसी यानी कुष्ठ रोग को खत्म करने के लिए बहुत काम किया था. जब वो सावरमति आश्रम में थे तो उन्हें अहमदाबाद के लेप्रोसी अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया. गांधीजी ने तब वहां जाने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं उद्घाटन करने नहीं आऊंगा. मुझे तो खुशी तब होगी जब आप उस लेप्रोसी अस्पताल को ताला लगाने के लिए मुझे बुलाएंगे. तब मुझे आनंद भी होगा. इसका मतलब की वो लेप्रोसी को खत्म करके उस अस्पताल को ही बंद करना चाहते थे.

पीएम मोदी ने कहा, गांधीजी के निधन के बाद भी वो अस्पताल दशकों तक चलता रहा. साल 2001 में जब मुझे सेवा का अवसर मिल तो मेरे मन में यह था कि गांधीजी का एक काम रह गया है अस्पताल में ताला लगाने का. इसके लिए काम किया गया और साल 2007 में उस अस्पताल में ताला लगा दिया गया है और अस्पताल को बंद कर दिया गया. गांधीजी का सपना पूरा हुआ.

गांधीजी के सपने के पूरे करने के लिए बहुत से सामाजिक संगठनों ने योगदान दिया और बड़ी भूमिका निभाई. यही वजह है कि मैं टीबी के खिलाफ भारत की सफलता को लेकर बहुत अश्वस्त हूं. बता दें कि पीएम मोदी शुक्रवार सुबह ही बनारस पहुंचे. जहां उन्होंने कैंट से लेकर गोदौलिया तक नए बने रोपवे का भी उद्घाटन किया.