सिवनी मालवा  मजदूर पिता की आर्थिक तंगी और बालिका का आयुष्मान कार्ड नहीं बनने के कारण बीमार बालिका 2 वर्षों से बिस्तर पर पड़ी हुई है l कोई भी सरकारी मदद नहीं मिलने के कारण अब परिवार वालों ने भी उसे भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।

13 वर्षीय सिमरन मालवीय कक्षा छठवीं की विद्यार्थी थी l उन दिनों फिसल कर गिर जाने के कारण कुछ ऐसा हुआ की फिर वह उठकर खड़ी नहीं हो पाई तब से लेकर आज तक उसके मजदूर पिता राजेश मालवीय मेहनत मजदूरी कर उसका इलाज करवाते रहे सिवनी मालवा फिर होशंगाबाद जिला अस्पताल में भी उसका इलाज चला लेकिन आर्थिक तंगी के कारण और आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाने के कारण आगे उसका इलाज संभव नहीं हो पाया और आज 13 वर्षीय सिमरन खटिया पर पड़ी सरकार से सहयोग की बाट जोह रही है l सिमरन की 67 वर्षीय दादी शांति बाई मालवीय ने बताया कि सिमरन अच्छी बातें करती है किंतु अब उसके हाथ पैर चलना भी बंद हो गए हैं l डॉक्टर का कहना है की सिमरन को गिरने के कारण (सेरेबल पॉलिसी विथ वीकनेस इन लोअर लिम्स) अर्थात तंत्रिकाओं से संबंधित रोग है ।

आज यदि सिमरन मालवीय का आयुष्मान कार्ड होता तो उसके पिता ठीक ढंग से उसका इलाज करा पाते और कक्षा छठवीं में पढ़ने वाली 13 वर्षीय छात्रा आज अपनी पढ़ाई पूरी कर रही होती । प्रश्न यह है कि पीड़ित सिमरन पहले सिवनी मालवा अस्पताल में ही आई होगी जहां उसका इलाज किया होगा इसके बाद ही उसे होशंगाबाद जिला अस्पताल रेफर किया होगा अगर उसके आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड नहीं थे तो क्यों नहीं बनवाए गए और पिछले 2 साल से स्वास्थ्य विभाग उसके आला अधिकारी क्या कर रहे हैं।

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