उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे के सर्विस रोड पर शुक्रवार को एक लावारिस सूटकेस में एक महिला का शव मिला।पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) त्रिगुर बिसेन ने कहा कि महिला, जिसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है, 22-25 साल की लग रही है।अधिकारी ने कहा कि महिला का शव लाल रंग के ट्रॉली बैग के अंदर पाया गया और प्लास्टिक की चादर में ढंका हुआ था। अधिकारी ने कहा कि पीड़ित पांच फीट और दो इंच लंबा था।

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अभी ये बात सामने आई है की यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर ट्राली बैग के अंदर मिली युवती की हत्या उसी के पिता और मां ने मिलकर की थी। बेटी के प्रेम प्रसंग से नाराज थे। पिता ने अपने रिवाल्वर से सीने में दो गोली मारीं। हत्या के बाद 18 घंटे तक शव को घर में ही रखे रहे। अगले दिन सुबह दंपती कार में ट्राली बैग रखकर शव को यमुना एक्सप्रेस वे पर फेंक गए। सोमवार सुबह तक चली पूछताछ में दंपती ने घटना स्वीकार कर ली है। सोमवार दोपहर में पुलिस घटना का पर्दाफाश करेगी।

मां ने भी साथ दिया अपनी ही बेटी की हत्या मैं:

दिल्ली के बदरपुर थाना क्षेत्र के मोलड़बंद निवासी आयुषी यादव को 17 नवंबर की सुबह करीब 11 बजे उसके पिता नितेश और मां ब्रजबाला ने मिलकर मार दिया था। हत्या के बाद घर में ही उसका शव रखे गए। शव ठिकाने लगाने के लिए अगले दिन सुबह पांच बजे ट्राली बैग में शव रखकर दोनों कार से मथुरा के लिए निकली। दंपती ने मथुरा में दिल्ली-आगरा हाईवे से आए थे। राया थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर ट्राली बैग फेंकने के बाद एक्सप्रेस वे से होकर लौट गए। जब दंपती मथुरा आ रहे थे, तो पिता कार चला रहा था और मां ट्राली बैग के साथ पीछे बैठी थी, जबकि लौटते समय मां आगे की सीट पर बैठ गई। पुलिस अब दंपती के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर रही है। एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि दोनों ने घटना स्वीकार कर ली है।

मामला ऐसे सामने आया:

18 नवंबर की दोपहर में सर्विस रोड पर एक लाल रंग का ट्राली बैग पुलिस को मिला था। ट्राली बैग में पालीथिन के अंदर पैक एक युवती का शव मिला। पुलिस उसकी खोजबीन कर रही थी, तभी रविवार को पता चला कि युवती बदरपुर क्षेत्र के मोलड़बंद की रहने वाली युवती आयुषी है। पुलिस युवती के घर पहुंची, तो पहले स्वजन ने फोटो देख युवती को पहचानने से इन्कार कर दिया। लेकिन युवती के छोटे भाई आयुष ने पहचाना। फिर पिता, मां और भाई को लेकर देर शाम पुलिस मथुरा आई। पिता को राया थाने में ही रोक लिया गया और मां, भाई को लेकर शव विच्छेदन गृह पहुंची, तो दोनों शव आयुषी यादव का ही होने की बात कही। आयुषी दिल्ली के एक कालेज में बीसीए की छात्रा थी।