जिला कार्यालय या किसी तहसील के मुख्यालय की बागडोर प्रशासक के हाथों में होती है जिनके अधिकार क्षेत्र में सभी शासकीय और प्राइवेट संस्थान होते हैं और वह किसी भी मुद्दे पर हस्ताक्षेप कर सकते हैं ऐसी कई घटनाओं में देखने और सुनने को मिला है, वही मैहर में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन करने पर लोगों को जनहित की जानकारी उपलब्ध करवा पाने में प्रशासक पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं,बताया जा रहा है.
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30दिवस पहले अल्ट्राटेक द्वारा तीन वित्तीय वर्ष में सीएसआर मद से कराए कार्यों की जानकारी एसडीएम कार्यलय में आरटीआई आवेदन लगाकर चाही गई लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने इन 30दिवस के अंदर आवेदनकर्ता को किसी प्रकार से सूचित नही किया न फोन न मेल और न ही कोई पत्राचार, जानकर और गूगल से मिली जानकारी हमे बताती है सीएसआर का कानून देश की संसद में बनाया गया और उसकी देख रेख़ पालन करवाने का जिम्मा शासकीय विभाग ही उठाते है, लेकिन एसडीएम कार्यलय में पदस्थ लोक सूचना अधिकारी द्वारा हमेशा सूचना का अधिकार कानून के तहत किए आवेदन में टोल मटोल किया जाता है,
जब मैहर तहसील मुख्यालय की सबसे शक्तिशाली शासकीय कार्यलय में RTI कानून निष्क्रिय रहेगा तो मैहर के अन्य शासकीय कार्यालयों का हाल क्या हुआ होगा?..सीएसआर मद से हुए कार्य जनता से जुड़े है और अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट निजी संस्थान होने के बाद भी शासकीय विभागों के नियंत्रण में है जिस कारण क्षेत्रीय विकास का ढिंढोरा पीटने वाले अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन ने क्या कार्य सीएसआर मद मतलब अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत किए?..इसका जानना जनता को आवश्यक है, और इस विषय में जनता जान सकती है क्यों कि उद्योग उनके क्षेत्र की हवा पानी जल को प्रदूषित करते हुए बड़े भू भाग को समुद्र की तरह गहरा कर चुका है भविष्य के लिए पर्यावरण को आघात पहुंचा विकराल खतरे की तैयारी हो चुकी है, वह अपनी जिम्मेदारी किस कदर क्षेत्रीय लोगो की देख देख में निभा रहा है इन्ही सभी मांगों को लेकर एसडीएम कार्यलय में कुछ लोगो ने पूर्व दिनों लिखित पत्र सौंप सीएसआर मद से कराए कार्यों की समीझा एसडीएम मैहर की निगरानी में कराए जाने की मांग कि थी, साथ RTIआवेदन लगाकर जानकारी मांगी गई!
उद्योग ने CSR मद से विकास की कौन सी इबारत लिखी है? जो कंपनी के जयचंद छोड़ कोई नही देख पा रहा है, यहां तक सीमेंट कंपनी को पाक साफ बनाने में प्रशासन भी आम जन की चिंता छोड़ काफी प्रयासरत है,दर्जनों दफा समस्या से अवगत कराने के बाद भी उद्योग प्रबंधन क्षेत्रीय लोगो की समस्या पर ध्यान नही देते है इसके बाद जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी आम जनता से मुंह मोड़ लेते है,निश्चित अल्ट्राटेक उद्योग की नीति आम जनता और प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के बीच मनमुटाव की दीवार पूरी ईमानदारी मजबूती से खड़ा करवा रहा है|