सऊदी अरब पहली बार किसी महिला एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रेयाना बरनावी नाम की महिला एस्ट्रोनॉट को चुना गया है। वो इस साल के आखिर में स्पेस स्टेशन जाएंगी।

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यह जानकारी सऊदी न्यूज एजेंसी ने जारी की है। मिशन में अली अल करानी नाम के दूसरे एस्ट्रोनॉट रेयाना का साथ देंगे। दोनों AX-2 नाम के स्पेस मिशन का हिस्सा होंगे। ये अमेरिका से टेकऑफ करेगा।

सऊदी अरब ये स्पेस मिशन सऊदी ह्यूमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम के तहत कर रहा है। इसके जरिए सऊदी स्पेस फ्लाइट और साइंटिफिक रिसर्च के अलग-अलग फील्ड में हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि 2019 में संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE के अंतरिक्ष यात्री हज्जा अल मंसूरी भी आठ दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर बिताकर आए थे। सऊदी अरब भी उन देशों में शामिल होना चाहता है जहां से एस्ट्रोनॉट स्पेस स्टेशन गए हों।

छवि बदल रहा है सऊदी
सऊदी अरब ने देश में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए हाल के समय में कई बदलाव किए हैं। इसी कड़ी में अब महिला एस्ट्रोनॉट को स्पेस भेजने का फैसला किया है। इससे पहले 2018 में पहली बार देश में महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई।

साथ ही पहली बार महिलाओं को किसी पुरुष गार्जियन के बिना अकेले घूमने की इजाजत मिली। सऊदी अरब की महिलाओं अब खुद पासपोर्ट के लिए भी आवेदन कर सकती हैं। पहले इस पर भी पाबंदी थी।

कुछ सालों से किए जा रहे प्रयासों के नतीजे भी सामने आने लगे हैं। 2015 में सऊदी अरब के स्थानीय निवासियों के वर्क फोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 13% थी। 2019 में यह बढ़कर 34.4% हो गई।

क्राउन प्रिंस मोम्मद बिन सलमान का विजन 2030
क्राउन प्रिंस और प्राइम मिनिस्टर मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने विजन-2030 के तहत कई कदम उठाए हैं। विजन 2030 के तहत सऊदी तेल पर निर्भरता को कम करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऑयल इकोनॉमी का टैग हटाने के लिए सऊदी अब पर्यटकों के लिए भी अपने दरवाजे खोल रहा है। इसके लिए वो दुनिया में महिलाओं के प्रति अपनी सख्त छवि से बाहर निकलना चाहता है।