दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। दिल्ली के डिप्टी CM सिसोदिया की की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने की याचिका पर CJI की अगुआई वाली बेंच ने मंगलवार शाम सुनवाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था, सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं। आप अनुच्छेद 32 के तहत यहां क्यों आए। यह अच्छी और स्वस्थ परंपरा नहीं है। आम आदमी पार्टी ने इस फैसले पर कहा- हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। जमानत लेने के लिए अब हाईकोर्ट में याचिका डाली जाएगी।

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इधर, CBI सिसोदिया से पूछताछ कर रही है। इससे पहले शराब नीति मामले में रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। CBI ने कोर्ट से सिसोदिया की 5 दिन की रिमांड मांगी थी ,जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।

CBI की दलील- पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे सिसोदिया
CBI ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि सिसोदिया पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे हर सवाल का गोलमोल जवाब दे रहे हैं, इसलिए उनकी 5 दिन की रिमांड चाहिए। सिसोदिया के वकील ने इसका विरोध किया था। उनका तर्क था कि एक डिप्टी CM को रिमांड पर भेजने से गलत मैसेज जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने CBI की दलीलों को मानते हुए सिसोदिया को 4 मार्च तक रिमांड दे दी।

दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया लिकर पॉलिसी घोटाले में CBI की गिरफ्त में हैं। सिसोदिया दिल्ली सरकार में तो नंबर दो हैं ही, आम आदमी पार्टी में भी अरविंद केजरीवाल के बाद सबसे बड़े नेता हैं। घोटाले में आरोपी बनाए जाने और अब उनकी गिरफ्तारी से पार्टी, दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल खुद मुश्किल में हैं, क्योंकि सिसोदिया का विकल्प तीनों के पास नहीं है।

दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में CBI ने गिरफ्तार किया है। CBI ने शुक्रवार को उनसे 8 घंटे पूछताछ की थी। सिसोदिया पर शराब घोटाले से जुड़े अहम सबूतों को नष्ट करने का आरोप है। भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए दिल्ली का शराब घोटाला क्या था, जिसमें CBI ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है