देश में एंट्री और विदेश जाने वाले लोगों को अब राहत मिलने वाली है. विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन सर्टिफिकेट लेना होता है और इसे हासिल करने के लिए यात्रियों को लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था. अब प्लान है कि यात्रियों की यात्रा को और आसाना बनाया जाए. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने एक खास मीटिंग की और इस बारे में चर्चा की है कि आखिर यात्रियों को इमिग्रेशन की लंबी लाइनों से कैसे राहत दी जाए. देश के दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर अक्सर यात्रियों को इमिग्रेशन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.

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एक अंयरराष्ट्रीय यात्री लगातार इस बारे में सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहा था और सरकार से इस संबंध में कदम उठाने की अपील कर रहा था. पिछले साल यात्री द्वारा साझा की गई तस्वीर में देखा जा सकता है कि सेल्फ काउंटर पर भी लंबी कतारें लगी है. इसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का बोयमेट्रिक लेना शुरू किया, लेकिन इमिग्रेशन सॉफ्टवेयर को तबतक अपडेट नहीं किया गया था.

दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर आमतौर पर भारी भीड़ देखी जाती है और इमिग्रेशन के लिए यात्रियों को लंबा इंतजार करने पड़ता है. मुंबई में देश का दूसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है और दिल्ली देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट माना जाता है. यहां से दर्जनों फ्लाइट हर रोज विदेश के लिए उड़ान भरती है और उन यात्रियों के लिए इमिग्रेशन हासिल करना सबसे बड़ी सिरदर्दी बन जाती है. एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है.

केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला ने गुरुवार को एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन के संबंध में एक रिव्यू मीटिंग की. इस बीच सबसे ज्यादा फोकस टर्मिनल 3 पर दिया गया है, जहां हर रोज सैकड़ों यात्री विदेश जाने के लिए उड़ान भरते हैं और सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट टी-3 पर ही आती है. यहां एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन के लिए इंतजार की घड़ी और बढ़ जाती है. मीटिंग में दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारी, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, ब्यूरो ऑफ सिविल एविशेन सिक्योरिटी और सीआईएसएफ के अधिकारी शामिल हुए थे.