MP School : मध्य प्रदेश के शाजापुर शहर में स्कूल भगवान भरोसे ही चल रहे हैं. ये राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का गृह क्षेत्र है. शाजापुर में स्कूलों की हालत देखकर आप दंग रह जाएंगे. शाजापुर के समीप गांव कुकड़ी कुकड़ेश्वर में स्कूल का भवन बना हुआ है, जिसके बाद भी स्कूल Anganwadi में संचालित हो रहा है. आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या है. टीवी9 भारतवर्ष की टीम जब गांव में पहुंची तो वहां पर देखा की स्कूल की स्थिति जर्जर है. स्कूल की बिल्डिंग तो बनी हुई थी लेकिन वह जर्जर हालात में पहुंच चुकी है.

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टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग बनी हुई है. बारिश में स्कूल के चारों ओर पानी भर जाता है और स्कूल के अंदर भी पानी भरा जाता है. कई दिनों बाद जाकर स्कूल में भरा हुआ पानी बाहर निकलता है. कभी तो महीनों तक स्कूल में पानी भरा रहता है. बारिश के समय में बच्चों को पढ़ाने में बड़ी ही परेशानी आती है.

प्रिंसिपल ने कहा कि ना तो ठीक से स्कूल में बच्चे बैठ पाते हैं और ना ही बच्चों की पढ़ाई हो पाती है. स्कूल के आसपास पानी भर जाने की वजह से बच्चे स्कूल में नहीं आ पाते और आंगनबाड़ी में स्कूल लगाना हमारी मजबूरी है. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी में बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है. बच्चे तो क्या हमारा भी मन आंगनबाड़ी में नहीं लगता है क्योंकि आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी का कार्य भी किया जाता है कई बार हमने शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया.

वहीं, अगर दूसरे सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो उनकी हालत भी कुछ इसी प्रकार दिखाई दे रही है. कई स्कूलों में तो पानी के प्याऊ सरकार द्वारा बनवाए गए हैं. लेकिन प्याऊ होने के बावजूद भी बच्चों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है क्योंकि स्कूल में लगे प्याऊ की हालत बद से बदतर नजर आ रही है. कई स्कूलों में प्याऊ टूटे हुए हैं तो कई स्कूलों में प्याऊ होने के बावजूद भी पानी नहीं.

एक सरकारी स्कूल ऐसा है, जहां पढ़ने वाले बच्चों से प्रिंसिपल के द्वारा साफ-सफाई तक करवाई जा रही है. बच्चे रोज स्कूल की साफ सफाई कर रहे हैं. जब प्रिंसिपल से इस बारे में पूछा तो उनका कहना है कि स्कूल में झाडू बच्चे नहीं तो क्या हम लगाएंगे. कहीं जर्जर बिल्डिंग में तो कहीं आंगनबाड़ी में नन्हें मुन्ने बच्चे किस प्रकार अपनी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

सोचने वाली बात है एक तरफ सरकार बड़े-बड़े सीएम राइज स्कूल बना रही है, तो दूसरी ओर जो स्कूल बने हुए हैं. उनकी ही देखरेख नहीं हो पा रही है. यह सब स्थिति राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के क्षेत्र की है. देश का आने वाला भविष्य मंत्री जी के गृह क्षेत्र में किस प्रकार अपनी शिक्षा प्राप्त कर रहा है यह सोचने वाली बात है.