पत्रकार से बदतमीजी करने के मामले में सलमान खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुरुवार को बॉम्बे ने फैसला सुनाते हुए इस मामले को खारिज कर दिया। मई 2019 मई

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इससे पहले सलमान खान को कदाचार मामले में समन मेट्रोपॉलिटन ने जारी किया था। इसके खिलाफ अभिनेता ने मुंबई हाई कोर्ट का रूख किया था थाहा पेशेवर भारती डांगरे ने पूछा था, “कार्यवाही शुरू करने से क्या प्रक्रिया हुई थी?” क्या? लेकिन क्यों?

क्या थे सलमान पर आरोप?

आपको बता दें कि मजिस्ट्रेट के सामने दी गई अपनी शिकायत पत्रकार अशोक पांडे ने कहा था कि सलमान खान मुंबई में सड़कों पर साइकिल चलाते हुए दौड़े और उनका फोन खोल दिया। उस दौरान कुछ मीडियाकर्मी उनकी तस्वीरें क्लिक कर रहे थे उन्होंने दावा किया था कि सलमान ने उनकी दलील की और उन्हें धमकी दी थी।

पिछले साल मजिस्ट्रेट ने मामले की धारा 202 के तहत पुलिस का आदेश दिया था। इसके अलावा आगे बढ़े सलमान को सीआरपीसी की धारा 204 के तहत समन भेजा गया। इस मामले में बॉडीगार्ड शेख नवाज को भी महत्वपूर्ण बनाया गया था।

कोर्ट ने क्या कहा?

पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने समन पर रोक दी थी। कोर्ट ने कहा था कि शिकायतकर्ता के बयानों में सुधार की वजह से न्यायमूर्ति रेवती डेरे ने कहा था कि एक पत्रकार के रिश्तेदार शिकायतकर्ता को चुप नहीं रहना चाहिए और उसके सभी आरोपों में शिकायत में होना चाहिए। मामले में सलमान के वकील ने तर्क दिया था कि उन्होंने केवल अपने अंगरक्षक को पत्रकार को तस्वीरों से रोकने के लिए कहा था।।।।।। था।।।। था। था था था। था। था।

अदालत ने पत्रकार वकील से कहा, “मिस्टर पीपल काउंसिल को निजता बनाए रखें।” जस्टिस डांगरे ने भी कहा कि आप भूल गए कि सलमान सलमान ने पर हमला किया था? यह उनकी शिकायत के अभाव में कहा गया था।

जब पत्रकार वकील ने कहा कि कानून से ऊपर नहीं है तो न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा कि न तो आप न ही वह कानून से ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि प्रेस के लोग भी कानून से ऊपर नहीं हैं