जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुंडों ने सेना के एक ट्रक को निशाना बनाकर उस पर ग्रेनेड फेंका. हमले में 5 जवान शहीद हो गए। इस नीतिगत हमले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, इसकी साजिश पूरे पाकिस्तान में रची गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 दिन पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल सैयद असीम मुनीर ने एलओसी का दौरा किया था. इस साजिश का खाका तैयार किया गया।

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बताया गया है कि इस दौरे के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुल्तान के बड़े फैसले की जिम्मेदारी सौंपी गई और यह भी जिम्मेदारी ली गई कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को कैसे पुनर्जीवित किया जाए। वहीं, फायरिंग के लिए चीन निर्मित गोलियों का इस्तेमाल किया जाता है। डांगरी में रहने के लिए चीनी बुलेटिन द्वारा हत्या में भी इनका इस्तेमाल किया गया था। इससे साफ है कि चाइनीज वेबसाइट Gam-Dymite की सप्लाई कर रही है। दोनों देश मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

आतंकी हमलों के बाद सुरक्षाबलों ने बाटा-डोरिया इलाके की घनी आबादी वाले इलाकों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया है. सीमा पार से घेराबंदी की जा रही है। साथ ही मजदूरों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का भी सहयोग लिया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि एलओसी पर नजर रखी जा रही है और राजौरी और पुंछ में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.

शहीद जवानों की पहचान हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देवाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सिंह के रूप में हुई है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने शुक्रवार को सीलिंग पर श्रद्धांजलि दी। वहीं, घटना के बाद भी गली-पुंछ रोड पर ट्रैफिक रोक दिया गया और लोगों को पुंछ पहुंचने के लिए कवर लेने की सलाह दी गई।

पीएएफएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
अधिकारियों के अनुसार, एनआईए की एक टीम निरीक्षण के लिए निर्णय लेने की जगह पर शासन करेगी। शहीद जवानों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए राष्ट्रीय राइफल्स से जोड़ा गया था। दहशत के साथ खराब मौसम का फायदा उठाते हुए यह घटना घटी। सूत्र का कहना है कि जैश से जुड़े सदस्य समूह एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों को इस घटना में चार आतंकवादियों के शामिल होने का संदेह है।