अतीक अहमद-अशरफ मामले में बड़ी खबर सामने आई है. एसआईटी की जांच में सट्टेबाजों के दो साथियों के दावे के संबंध में संभावित साक्ष्य मिले हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि माफिया बंधुओं पर गोलियां चलाने वाले तीन शूटरों के साथ दो छेद भी मौजूद थे. वह दोनों निशानेबाजों का न सिर्फ मार्गदर्शन कर रहे थे, बल्कि उन्हें लगातार दिशा भी दे रहे थे।
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सूत्रों के मुताबिक इनमें से एक सप्लाई प्रयागराज से ही है। शूटरों के रहने और खाने का इंतजाम करने से लेकर अतीक-अशरफ किकी तक का मददगार दुर्लभ था. अस्पताल के बाहर ही शूटरों को शक हो रहा था। दोनों ने शूटरों का रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में टेंट-फूड का खाता दर्ज कराया था।
Exclusive : अतीक और अशरफ की हत्या के समय मौजूद एसएचओ राजेश मौर्या ने किया बड़ा खुलासा- शूटर्स पहले से वहां मौजूद थे, उन्होंने मीडिया की भीड़ का सहारा लिया, जबतक हम कुछ समझ पाते उन्होंने पास से गोली मार दी। हत्याकर्मी मीडिया वालों के वेश में आए थे। जब उन्होंने फायरिंग की तो हमें संभलने का मौका ही नहीं मिला। क्रॉस फायरिंग होती तो कई लोग मारे जाते। दो मददगार अतीक अशरफ हत्याकाण्ड की जगह पर ही मौजूद थे और शूटर्स को लगातार इंस्ट्रक्शन दे रहे थे। सिर्फ पांच मिनट में ही सबकुछ हो गया।
शूटरों को असद का वीडियो देखने के बाद डॉन बनने की बात पता चली
अतीक अशर हत्याकांड में शामिल शूटरों ने एसआईटी की पूछताछ में कई राज खोले। उमेश पाल शूटआउट में असद का वीडियो देखने के बाद शूटरों को डॉन बनने की बात पता चली। उमेश पाल की हत्या के बाद उमेश समेत दो पुलिसकर्मियों की हत्या का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया था. असद को गोली लगते देख लोग उन्हें नया डॉन कहने लगे। असद को देखकर सनी ने कहा कि जब असद डॉन बन सकते हैं तो वो लोग क्यों नहीं।
इसके बाद सनी ने अतीक अशरफ को मारने की योजना बनाई और पकड़ा गया और तीनों शूटरों को लगा कि अतीक-अशरफ को मारने से वे मशहूर हो जाएंगे। सनी ने दूसरे निशानेबाजों से कहा कि मशहूर खूब पैसा कमाएगा। सनी ने कहा था कि वे लोग पत्रकार बनकर ही माफिया भाइयों को मार सकते हैं। टीवी पर लाइव प्रसारित हो रहे हत्या के वीडियो से लोगों में उसकी दहशत है। अतीक अशरफ की हत्या के बाद डॉन बनने के सिद्धांत पर साइट की गारंटी नहीं है। एसआईटी को सट्टेबाजों के दलालों की तलाश है।