एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा है कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो वह राज्य में विधायक के लिए सच को खत्म कर देंगे. ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़े मुसलमानों तक पहुंचने की बात करते हैं, लेकिन अमित शाह उनकी अखरोट हटाने का वादा कर रहे हैं.
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ओवैसी ने ट्वीट करके कहा कि मोदी कहते हैं कि पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचें, अमित शाह उनका आरक्षण हटाने का वादा करके इसका अनुपालन करते हैं। हैदराबाद के सांसद ने गृह मंत्री को यह भी याद दिलाया कि पिछड़े मुस्लिम समूहों के लिए आरक्षण अनुभवजन्य आंकड़ों पर आधारित है। ओवैसी ने लिखा, कृपया सुधीर आयोग की रिपोर्ट पढ़ें। यदि आप नहीं कर सकते हैं, तो कृपया किसी से पूछ सकते हैं। मुस्लिमों के लिए आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के स्टे के तहत जारी है।
Sir @AmitShah
ye “owaisi owaisi” ka rona kab tak chalega? Khaali khattey dialog’aan maarte rehte. Please sometimes speak about record-breaking inflation & unemployment also. Telangana has the highest per capita income in the countryModi allegedly says reach out to pasmanda…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 23, 2023
रविवार शाम को हैदराबाद के पास चेवेल्ला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण खत्म करने का वादा किया था। उन्होंने मुसलमानों के लिए आरक्षण को असंवैधानिक बताया था। शाह ने कहा, तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनने के बाद हम मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे। इस पर एससी, एसटी और ओबीसी का अधिकार है।
ओवैसी ने कहा कि अगर शाह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए न्याय को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें 50 फीसदी कोटा सीमा को हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश करना चाहिए। यह पहली बार नहीं है, जब शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण हटाने की बात कही है। उन्होंने अतीत में कई मौकों पर वादा किया है और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे दोहराया है। इसके पहले कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने पिछले महीने ओबीसी मुसलमानों के लिए 4 फीसदी कोटा खत्म कर दिया था। गौरतलब है कि तेलंगाना में पिछड़े मुसलमानों को भी शिक्षा और नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है। यह लगभग 15 साल पहले अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किया गया था। राज्य की वर्तमान भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेतृत्व वाली सरकार ने मुस्लिम कोटा बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का वादा किया है। इस आशय का एक प्रस्ताव तेलंगाना विधानसभा में पारित किया गया और पांच साल पहले केंद्र को भेजा गया था, लेकिन इस प्रस्ताव को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने खारिज कर दिया है।