S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मैसूर में थिंक20 (T20) सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में कुछ देश हैं, जो बदलाव नहीं देखना चाहते हैं. उनके इस बयान को चीन और पाकिस्तान पर इशारा माना जा रहा है. मंगलवार (1 अगस्त) को जयशंकर ने वर्चुअली सम्मेलन को संबोधित किया.

इस दौरान, उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले जी-20 अब बहुत महत्वपूर्ण संगठन बन गया है. हमारा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य भी बदलाव देखना चाहते हैं और जो ऐसा नहीं चाहते हैं उनकी संख्या काफी कम है. ऐसे समूह सिस्टम में छेड़खानी कर रहे हैं.

ट्विटर पर शेयर किया संबोधन का वीडियो

विदेश मंत्री ने 3 अगस्त को ट्विटर पर अपने संबोधन का वीडियो शेयर किया, जिसमें वह जी-20 के सामने इस समय क्या-क्या चुनौतियां हैं, उन पर बात करते हुए नजर आए. जयशंकर ने कहा कि उत्तर-दक्षिण विभाजन और पूर्व-पश्चिम के बीच अलगाव, हर क्षेत्र में कोरोना के प्रभाव, रूस-यूक्रेन युद्ध और आर्थिक संकट जैसे फैक्टर सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि देश इस दिशा में काम कर रहा है कि भारत दुनिया के लिए तैयार हो और दुनिया भारत के लिए तैयार हो.

भारत-लातिन अमेरिका क्षेत्र के बीच गहरे संपर्कों की वकालत की

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को भारत, लातिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र (एलएसी) के बीच कृषि, आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण और संसाधन संबंधी गठजोड़ समेत अपने रिश्तों को गहरा बनाने की वकालत की. जयशंकर ने कहा कि पिछले 9 सालों में इस क्षेत्र के साथ भारत के रिश्ते नई दिशा में बढ़ रहे हैं और कई क्षेत्रों में हमारे संबंधों को और मजबूत बनाने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि मजबूत संबंधों की राह में दूरी बाधा न बने. इस क्षेत्र के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध वित्त वर्ष 2022-23 में 50 अरब डालर के करीब रहे और यह हमारे आर्थिक गठजोड़ की ताकत और संभावना का गवाह है.