भोपाल गैस त्रासदी

करीब 39 वर्ष पूर्व हुई भोपाल गैस त्रासदी के बाद से ही यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में करीब 350 मीट्रिक टन कचरा पड़ा है। अब इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से हाई कोर्ट में कहा गया है कि उक्त कचरे को नष्ट करने के लिए 129 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।

मामला वित्त विभाग के पास लंबित है। जस्टिस शील नागू व जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को कहा कि इस संबंध में जो भी प्रगति होती है, उसे विधिवत हलफनामे के साथ पेश करें। मामले पर अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता खालिद नूर फखरुद्दीन ने कहा कि याचिका 19 वर्ष से लंबित है। दोनों सरकारें इस मामले में हीलाहवाली कर रही हैं। उन्होंने मांग की है कि कचरे के प्रबंधन में हाेने वाले खर्च का पूरा हर्जाना आरोपी कंपनी से ही वसूला जाना चाहिए। भोपाल के आलोक प्रताप सिंह ने वर्ष 2004 में जनहित याचिका दायर की थी। पिछले वर्ष उनकी मृत्यु के बाद हाई कोर्ट मामले की सुनवाई स्वत: संज्ञान के रूप में कर रहा है।