S 400 Deal: रूस की सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए संघीय सेवा के प्रमुख ने कहा है कि भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों और संबंधित उपकरणों की डिलीवरी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी.समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन की ओर से आयोजित आर्मी-2023 अंतरराष्ट्रीय सैन्य-तकनीकी फोरम में रूसी संघीय के प्रमुख दिमित्री शुगाएव ने सोमवार को कहा, “एस-400 ट्रायम्फ एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम का उत्पादन तय समय पर है. एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम के लिए उपकरणों की डिलीवरी तय समय सीमा के भीतर पूरी होने की उम्मीद है. सात दिवसीय फोरम सोमवार को मॉस्को क्षेत्र के कुबिन्का शहर में शुरू हुई.

दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है भारत

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है और अभी भी पारंपरिक हथियारों के लिए ज्यादातर रूसी तकनीक का उपयोग करता है, लेकिन नई दिल्ली में अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है कि यूक्रेन में रूस के युद्ध से हथियारों और उपकरणों की नियोजित डिलीवरी में देरी हो सकती है. एस-400 ट्रायम्फ एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल का उत्पादन इंटरफैक्स ने सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए रूस की संघीय सेवा के प्रमुख दिमित्री शुगाएव के हवाले से कहा, प्रणालियों को तय कार्यक्रम के अनुसार पूरा किया जा रहा है. सशस्त्र बलों के एक कार्यक्रम के दौरान की गई टिप्पणियों में उन्होंने कहा कि एस-400 ट्रायम्फ प्रणाली के उपकरणों की डिलीवरी सहमत समय सीमा के भीतर पूरी होने की उम्मीद है. भारत ने 2018 में $5.4 बिलियन में S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली इकाइयाँ खरीदीं. तीन प्रणालियां वितरित की जा चुकी हैं और दो अभी भी प्रतीक्षित हैं।