बलिया के एक सरकारी अस्पताल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां मरीजों का इलाज एक चौकीदार करता है. हैरत की बात तो ये है कि इसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारी को भी है. पूरा मामला जिले के चांदपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है.वहीं, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि जैसे झोलाछाप इलाज करते हैं, वैसे ही वह भी इलाज कर लेता है, जो मरीज सीरियस होते हैं, उन्हें सीएचसी भेज देता है. उस चौकीदार को ट्रेंड किया गया है. हमारे पास डॉक्टर नहीं हैं, जो संसाधन हैं, उन्हीं से काम चलाएंगे.

चौकीदार राशिद का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं हैं. मैं यहां पर चौकीदार के पद पर तैनात हूं. एक महीना पहले यहां पर डॉक्टर थे. वहीं दवा देते थे. अब जब मरीज आ जाते हैं तो जानकारी के हिसाब से दवा दे देते हैं. जरूरत पड़ी तो मरहम-पट्टी भी कर देते हैं. दर्द और बुखार की दवा भी देते हैं. गरीब जनता का सेवा हो सके, इसी ख्याल से ऐसा करते हैं.

प्रभारी चिकित्सक अधीक्षक ने बताई मजबूरी

वहीं बांसडीह के प्रभारी चिकित्सक अधीक्षक वेंकेटेश महुआर का कहना है कि हमारे पास संसाधन नहीं है. नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांदपुर में चौकीदार द्वारा इलाज करने के सवाल पर प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि मैं इसे सही नहीं कर सकता. डॉक्टरों का घोर अभाव है. डॉक्टर रहेंगे, तभी हम उपलब्ध कराएंगे. पहले डॉक्टर दिनेश की वहां पर तैनाती थी, लेकिन उनका ट्रांसफर कर दिया गया.

पूरे मामले की होगी जांच-सीएमओ

वेंकेटेश महुआर के मुताबिक, अस्पताल में जो चौकीदार है, उसको ट्रेंड किया गया है. वह ऐसी दवाइयां नहीं देता, जिससे की रिएक्शन हो. इमरजेंसी में किसी को बुखार लगता है तो वह बुखार की दवा दे सकता है. वेंकेटेश महुआर के मुताबिक, बुखार आने पर पैरासिटामोल की गोली कोई भी दे सकता है. झोलाछाप डॉक्टर दुनिया भर की दवा देते हैं, उनके पास कौन सी डिग्री है यह भी तो चौकीदार है. वहीं, सीएमओ जयंत कुमार ने पूरे मामले की जांच की बात कही है.