Unnao Ganga Water: उन्नाव में गंगा का पानी अब रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है और सड़कें पूरी तरीके से जलमग्न हो गई हैं. मोहल्ले टापू बन गए हैं और लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. नाव के सहारे ही लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा रहे हैं और स्कूली बच्चे भी अपना बैग लेकर नाव के द्वारा स्कूल से घर जा रहे हैं. प्रशासन द्वारा की गई तैयारी फेल नजर आ रही हैं. पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश का कहर अब दिखने लगा है. बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद उन्नाव में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है.

उन्नाव में 4 तहसील क्षेत्रों के गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ी है. हालात ये हैं की बाढ़ की वजह से मोहल्ले में नाव चलानी पड़ रही है और वहीं गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से महज कुछ दूरी पर है. लिहाजा जिला प्रशासन भी लगातार गंगा के जलस्तर को लेकर मॉनिटरिंग कर रहा है. डीएम अपूर्वा दुबे ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में नजर रखने के निर्देश दिए हैं और डीएम अपूर्वा के मुताबिक बाढ़ राहत केंद्र, बाढ़ राहत चौकियां स्थापित हैं और लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. डीएम के मुताबिक 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं.

खतरे के निशान के करीब पहुंचा पानी

उन्नाव की 4 तहसीलों के गंगा तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आसमानी आफत आ गई है. पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश के बाद बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और जो खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. जलप्रलय की स्थिति ये है की मोहल्लों में नाव चल रही हैं. जिला प्रशासन के द्वारा लोगों को लाने ले जाने के लिए नाव की तैनाती की गई है. वहीं कई इलाकों में पानी भरने की वजह से बिजली की सप्लाई तक काट दी गई है, बच्चों को स्कूल जाने में वहीं बड़ों को अपने निजी काम से कहीं भी आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

छतों पर रहने को मजबूर हैं लोग

बता दें की बांगरमऊ, सफीपुर, उन्नाव सदर और बीघापुर कटरी के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसकी वजह वहां रहने वाले लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. उन्नाव सदर क्षेत्र के शुक्लागंज के गोताखोर, राजीव नगर खंती, अहमदनगर, मनोहर नगर, रहमत नगर और गंगानगर के इलाकों में गंगा का पानी भर जाने से लोग छतों में रहने को मजबूर हैं. वहीं लगातार बढ़ रहे जलस्तर की वजह से आसपास के और भी क्षेत्र में पानी बढ़ने की संभावना है.