दिल्ली एयरपोर्ट पर बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया. यहां एक ही समय पर दो अलग-अलग विमानों को लैंडिंग और टेक ऑफ की इजाजत दे दी गई. हालांकि, हादसा होने से पहले ही एक विमान को रोक लिया गया और हादसा टल गया.

दरअसल, बुधवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट के हाल ही में उद्घाटन किए गए रनवे पर पश्चिम बंगाल के बागडोरा जा रही फ्लाइट संख्या UK725 को टेक ऑफ करने की इजाजत दे दी गई. इस समय पर ही अहमदाबाद से दिल्ली आई विस्तारा की फ्लाइट लैंड हो रही थी. प्लेन टेक ऑफ करने ही वाला था कि अचानक ATC से उसे उड़ान रोकने के निर्देश मिले. निर्देश मिलते ही प्लेन रुक गया और कुछ ही मिनटों में अहमदाबाद से आए प्लेन ने लैंडिंग कर ली.

एटीसी ने तुरंत रोका टेक ऑफ

दोनों ही विमानों को एक ही समय पर परमिशन दी गई थी, लेकिन एटीसी ने इस पर कंट्रोल स्थापित कर लिया. इस घटना के बारे में जानने वाले अधिकारी ने बताया कि ATC के अधिकारी ने टेक-ऑफ करने वाली फ्लाइट को फौरन रोक दिया. टेक ऑफ रोकने के बाद दिल्ली बागडोरा जाने वाले फ्लाइच को तुरंत रनवे से हटाकर पार्किंग में ले जाया गया.

पायलट का निर्देश सुनकर चिंतित हुए यात्री

स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के मुताबिक टेक-ऑफ और लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान किसी भी दूसरी फ्लाइट की आवाजाही की अनुमति नहीं होती है. सूत्रों ने बताया कि जब बागडोगरा जाने वाले विमान के पायलट ने कहा कि एटीसी से निर्देश मिलने के कारण फ्लाइट उड़ान नहीं भरेगी तो यात्री थोड़ा आशंकित हो गए.

SOP का सख्ती से होता है पालन

वहीं, वरिष्ठ पायलट और सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन के संस्थापक कैप्टन अमित सिंह ने एजेंसी को बताया कि रनवे नजदीक होने पर संभावित टकराव से बचने के लिए आसपास के रनवे से उड़ान संचालन के लिए बेहतर निगरानी और एसओपी का सख्ती से पालन किया जाता है. आम तौर पर एक रनवे पर विमान को तब तक टेक-ऑफ क्लीयरेंस जारी नहीं किया जाता, जब तक कि विमान दूसरे रनवे पर नहीं उतरा हो. उन्होंने कहा, दूसरे रनवे पर आने वाला विमान लैंडिंग को रद्द करने और आगे चढ़ने के लिए चक्कर लगाने का फैसला करता है, हवा में दो विमानों के उड़ान पथ में टकराव हो सकता है.