मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक अनोखा स्कूल है. अनोखा इसलिए क्योंकि यहां के बच्चे दोनों हाथों से लिख सकते हैं. इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि दोनों हाथों से एक साथ अलग-अलग 6 भाषाओं में लिख सकते हैं. संभवत यह देश का पहला स्कूल है. जहां बच्चे ऐसी कला में महारत हासिल कर चुके हैं. सिंगरौली का यह स्कूल अब चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां पढ़ने वाले बच्चों की जमकर तारीफ हो रही है.
सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर बुधेला में वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल है. यह स्कूल सामान्य स्कूलों से बिल्कुल अलग है. यहां बच्चों को प्रकृति से जोड़कर पढ़ाया जाता है. बच्चे चार दिवारी के भीतर नहीं बल्कि पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल की शुरुआत बच्चों को योगा मेडिटेशन करने के बाद शुरू होता है. इससे बच्चे एकाग्र होकर अध्ययन कर सकें.
दोनों हाथों से लिखने वाले बच्चे 100 से अधिक
यहां बच्चों को जो कला सिखाई जाती है. वह किसी करिश्मे या चमत्कार से कम नहीं है. क्योंकि यहां पढ़ने वाले बच्चे दोनों हाथों से अलग-अलग 6 भाषाओं में एक साथ लिख सकते हैं. बच्चे 1 से 100 तक की गिनती सिर्फ 1 मिनट में, A से Z तक सिर्फ 12 सेकंड में जबकि वर्णमाला सिर्फ 20 सेकंड में दोनों हाथ से लिखते हैं. इस तरह से लिखने वाले बच्चे यहां एक-दो नहीं हैं बल्कि 100 से अधिक बच्चे इस कला में पारंगत हैं.
ऐसे मिली ये कला सिखाने की प्रेरणा
यह देश का पहला ऐसा स्कूल है. जहां बच्चे इस तरह की खास कला सीखते हैं. सिंगरौली के वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल की शुरुआत 1999 में की गई थी. इस स्कूल को विरंगत शर्मा ने शुरू किया था. उनका कहना है कि उन्हें यह सीख देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से मिली. जिनके बारे में विरंगत शर्मा ने पढ़ रखा था कि वह दोनों हाथों से लिखते थे.