वाराणसी के ज्ञानवापी में वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे अब काफी अहम हो गया है। इस सर्वे के मिलने वाले ऐतिहासिक साक्ष्यों पर एएसआई की मुहर के बाद जिला प्रशासन संरक्षण करेगा। साक्ष्य अभी ज्ञानवापी परिसर में जरूर रहेंगे लेकिन इस पर जिला प्रशासन का मालिकाना हक होगा। डीएम की निगरानी में इन साक्ष्यों को सूची बनाकर एएसआई की टीम सुपुर्दगी देगी। साक्ष्य की सुपुर्दगी मिलने के बाद डीएम की गठित टीम इसकी हर दिन निगरानी करेगी और न्यायालय के आदेश पर इसे पेश करेगी। हालांकि ASI अपना जल्द पूरा करने में जुटी है और छह अक्तूबर को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगी।

शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम 41 वें दिन का सर्वे कर रही है। जिला न्यायालय की ओर से चार सप्ताह का समय मिलने के बाद अब कम समय ही बचा है। अगले 20 दिनों में टीम को सर्वे पूरा करने का लक्ष्य लेकर टीम विभिन्न पहलुओं पर जांच करेगी। टीम ने सर्वे की रफ्तार बढ़ाने के साथ माह के अंत तक पूरा सर्वे करने का लक्ष्य रखा है। विशेषज्ञ तहखाने के अंदर साक्ष्य खंगालने के साथ उसकी सूची भी तैयार करेगा। परिसर के अंदर मिलने वाले साक्ष्य और सर्वे की अलग रिपोर्ट बनेगी, जिसकी एक कापी जिला प्रशासन को भी दी जाएगी। जिला जज ने छह अक्तूबर तक सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

शुक्रवार को त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच टीम परिसर में ऐतिहासिक संभावनाएं तलाश करने उतरी टीम का सर्वे जारी है। वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर के सर्वे में जुटी टीम अब तक 244 घंटे का सर्वे पूरा कर चुकी है। सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं। अब तक ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे के लिए स्थानों का निर्धारण हो चुका है। ASI मानकों पर सर्वे की अग्रिम कार्रवाई पूरी कर रही है और कोर्ट से समय मिलने के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी।

कोर्ट में ASI को मिले 28 दिन

जिला जज के आदेश और सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट की सहमति के बाद ASI के अधिकारी और कर्मचारी ज्ञानवापी में सर्वे कर रहे हैं। ASI की टीम ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट तैयार कर पेश करते हुए कार्रवाई पूरा करने के लिए 56 दिन बढ़ाने की मांग रखी थी। कोर्ट ने 56 दिन को अधिक बताते हुए सर्वे की रफ्तार तेज करने की बात कही। इसके साथ ही प्रारंभिक तौर पर 28 दिन की स्वीकृति दी। ASI के अधिकारियों ने सर्वे के साथ अन्य पहलुओं पर काम शुरू कर दिया है और सर्वे की कार्रवाई की रफ्तार बढ़ा दी है। हालांकि मसाजिद कमेटी ने इस अवधि को बढ़ाने का विरोध किया था लेकिन जज ने इसे सर्वे की पूरी रिपोर्ट के लिए आवश्यक बताया।

30 ASI कर्मी पहुंचे ज्ञानवापी

कड़ी सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच ASI की 30 सदस्यीय टीम ज्ञानवापी पहुंची। मुख्य गेट पर सघन तलाशी के बाद टीम के सदस्यों को अंदर प्रवेश दिया गया। मुख्य गेट पर केंद्रीय सुरक्षा बल, पैरामिलिट्री और NSG और एटीएस समेत कमिश्नरेट पुलिस की टीमों की तैनाती है।40 दिन के सर्वे में हैदराबाद की टेक्निकल टीम ने GPR सर्वे के लिए कई स्थानों का चिह्नांकन किया है। कानपुर की स्पेशल टीम जल्द GPR के सर्वे को पूरा करेगी। टीम के साथ वादी, प्रतिवादी और वकील के साथ ASI की टीम को सर्वे के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं जिसे हिंदू पक्ष अपने दावे की हकीकत बताता रहा है।

सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक

ज्ञानवापी में साइंटिफिक सर्वे के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम कड़ी सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच ज्ञानवापी परिसर में छह घंटे सर्वे करेगी। शुक्रवार को सुबह 8.00 बजे दाखिल टीम के कुछ देर बार वादी और उसके वकील भी ज्ञानवापी परिसर में पहुंचकर सरकारी वकील को अपनी हाजिरी दर्ज कराई। सर्वे लगभग 8:33 बजे शुरू हुआ और 12.30 बजे तक चलेगा। इसके बाद लंच और नमाज के लिए रोका गया जो फिर 2.30 बजे से दोबारा शुरू होगा। सर्वे शाम पांच बजे पूरा होगा, इसके बाद टीम के सदस्य गेस्ट हाउस रवाना होंगे।