पटनाः जाति का जनगणना की पहली रिपोर्ट जारी कर सरकार अपना पीठ थपथपाती नजर आ रही है। जेडीयू हो या आरजेडी दोनों ही पार्टियों में जाति का जनगणना का श्रेय लेने की होड़ नजर आ रही है। बीजेपी ने भी जाति आधारित जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी सहमति दे यह बताने की कोशिश कर रही है कि यह फैसला उसके गठबंधन काल में हुआ। जाति आधारित जनगणना की पहली रिपोर्ट पेश होने के बाद मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में नौ दल शामिल होंगे। बैठक के दौरान जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।

बिहार सरकार की ओर से जातीय गणना की पहली रिपोर्ट पेश होने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है। जहां एक तरफ जहां सरकार और सत्ताधारी दल इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल भी उठ रहे हैं। जाति आधारित जनगणना से आए आंकड़े राजनीतिक पार्टियों के लिए आंख खोलने वाले साबित होते नजर आ रहे हैं। तो वहीं बिहार में जाति आधारित और राजनीति करने वाले नेताओं की भी हवा निकली हुई नजर आ रही है। इसी बीच सीएम नीतीश ने आंकड़ों पर चर्चा के लिए सभी दलों की बैठक बुलाई है।