इजराइल पर हमास के हमले के बाद दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है. इस्लामिक मुल्क हमास को सपोर्ट कर रहे हैं तो वहीं अमेरिका-फ्रांस जैसे पश्चिमी देश इजराइल में पक्ष में हैं. मगर सवाल ये है कि इजराइल को जंग में फुल सपोर्ट का आश्वासान देने वाला अमेरिका ईरान की जुबान क्यों बोल रहा है. जंग के चार दिन बाद अमेरिका ने कहा है कि हमास के हमले में ईरान की भूमिका के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है. ईरान खुद भी यही कह रहा है कि उसमे हमास को सपोर्ट नहीं किया है. यानी दोनों मुल्क एक ही भाषा में बोल रहे हैं.

दरअसल, बीते शनिवार की सुबह जब हमास ने इजराइल को दहलाने वाले हमले किए तो ईरान में जश्न मनाया गया. ईरान की तरफ से खुलकर हमास का समर्थन किया गया. ईरान के बारे में कहा जा रहा था कि उसी ने हमास को हथियारों की सप्लाई की है. इजराइल ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस हमले में ईरान का हाथ है. हमास के आतंकियों को ईरान ने इस हमले में सहयोग किया है. लेकिन इजराइल का सबसे बड़ा दोस्त अमेरिका ईरान को लेकर अलग ही रुख अपनाए है.

अमेरिकी एनएसए जैक सुलिवान ने ये तो कहा है कि ईरान लंबे समय से हमास के साथ है. लेकिन जब सुलिवान से ये पूछा गया कि क्या ईरान को इस हमले के बारे में पहले से पता था? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल मेरे पास इस तरह की कोई सूचना नहीं है. हम अपने इजराइली समकक्षों से लगातार बात कर रहे हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है कि क्या उनके पास इससे संबंधित कोई जानकारी है या नहीं.