महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सुशील कुमार शिंदे ने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है. अपने संन्यास के ऐलान के साथ ही उन्होंने अपनी बेटी प्रणीति शिंदे के सोलापुर सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की है. इस ऐलान के बाद शिंदे ने आजतक इंडिया टुडे ग्रुप से बात करते हुए कहा है कि मैंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है, लेकिन जब भी जरूरत होगी, मैं पार्टी के लिए उपलब्ध रहूंगा.
शिंदे ने आगे कहा कि यह फैसला उन्होंने दो साल पहले ही ले लिया था. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है. मैंने रिटायरमेंट ले लिया है, लेकिन जब भी पार्टी को मेरी जरूरत होगी, मैं उपलब्ध रहूंगा. उन्होंने बेटी के चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए कहा,’मैं सोलापुर से चुनाव लड़ता था, अब मेरी इच्छा है कि मेरी बेटी सोलापुर से चुनाव लड़े. यह मेरी इच्छा है और मैंने इसे अपनी पार्टी को बता दिया है.
आखिरी फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ा
उन्होंने कहा कि आखिर में यह ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी दिल्ली में पार्टी आलाकमान को तय करना है कि कौन चुनाव लड़ेगा. क्योंकि हर कोई किसी खास सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करता है.
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं शिंदे
सोलापुर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे शिंदे जनवरी 2003 और नवंबर 2004 के दौरान थोड़े समय के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस पद को छोड़ते ही उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2006 तक इस पद पर रहे. इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था.
2012 में शिंदे को बनाया गया था गृह मंत्री
शिंदे मनमोहन सिंह सरकार में देश के ऊर्जा मंत्री थे. मुंबई हमले (26/11) के बाद तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के वित्त मंत्रालय में वापस जाने के बाद 2012 में उन्हें गृह मंत्रालय सौंपा गया था.