Mizoram Assembly Election 2023: मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और इस बीच मुख्यमंत्री जोरमथंगा के तेवर सख्त नजर आ रहे हैं. वो बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और खुलकर बयान दे रहे हैं. हालांकि, एमएनएफ और बीजेपी का मिजोरम में गठबंधन नहीं है लेकिन केंद्र में एमएनएफ एनडीए के साथ है. इसके अलावा, नॉर्थ ईस्ट के गठबंधन ग्रुप NEDA में भी एमएनएफ शामिल है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी के साथ होने के बावजूद एमएनएफ की तरफ से ऐसे तेवर क्यों दिखाए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जोरमथंगा बीजेपी को घेरने के लिए मणिपुर की घटना को आधार बना रहे हैं. तल्खी इतना ज्यादा है कि पीएम मोदी के मिजोरम दौरे से पहले सीएम जोरमथंगा ने ये तक कह दिया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ चुनाव प्रचार नहीं करेंगे.उनका कहना है कि मिजोरम में ज्यादातर लोग ईसाई हैं और मणिपुर में जो कुछ हुआ उससे यहां के लोगों में आक्रोश है. अगर प्रधानमंत्री के साथ मंच शेयर किया तो एमएनएफ को चुनाव में नुकसान होगा. जोरमथंगा ने कहा कि पीएम मोदी जब चुनाव प्रचार के लिए मिजोरम आएंगे तो मैं उनके साथ मंच शेयर नहीं करूंगा.

PM मोदी 30 अक्टूबर को जाएंगे मिजोरम

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 30 अक्टूबर को मिजोरम का दौरा करने वाले हैं. पीएम मोदी मिजोरम-त्रिपुरा-बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित ममित जिले में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले जोरमथंगा के बयान से मिरोजम की सियासत में हलचल मच गई है. दोनों गठबंधन पार्टियों के बीच नाराजगी का असर उम्मीदवारों की सूची में भी नजर आ रहा है.

मिजोरम चुनाव के लिए बीजेपी ने 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. इस लिस्ट में बीजेपी ने उन नेताओं को भी टिकट दिए हैं जो एमएनएफ के रहे हैं. बीजेपी ने मिजो नेशनल फ्रंट के दो पूर्व नेताओं लालरिनलियाना सेलो और दुर्ज्या धन चकमा को टिकट दिया है. ये दोनों नेता हाल ही बीजेपी में शामिल हुए थे. वहीं, मिजोरम विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सेलो ममित से चुनाव लड़ेंगे जबकि चकमा बीजेपी ने तुइचावंग से मैदान में उतारा है. 21 उम्मीदवारों की इस सूची में एमएनएफ के चार नेता शामिल हैं.