वन नेशन-वन इलेक्शन’ के लिए गठित समिति की हुई दूसरी बैठक में विधि आयोग ने समिति के सामने अपना पक्ष रखा. एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के जरिए लॉ कमिशन ने वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए गठित समिति के सदस्यों के सामने कानूनी और संविधानिक पहलुओं पर अपने विचार रखे.

दिल्ली के इंडिया गेट सर्किल पर जोधपुर हॉस्टल में हुई ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बैठक की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की. इस बैठक में लॉ कमिशन के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, हरीश साल्वे, सुभाष कश्यप सरीखे सदस्यों ने हिस्सा लिया.

बुधवार को हुई इस अहम बैठक में समिति ने मुख्य तौर पर लॉ कमिशन की राय को समझने की कोशिश की. इसके साथ ही इसमें उत्पन्न हो सकने वाली अड़चनों और उनके निदान के बारे में भी जाना. लॉ कमीशन ने बताया कि 2024 में ये संभव नहीं लेकिन 2029 में इसको लागू किया जा सकता है. लॉ कमिशन अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी से समिति ने जानने की कोशिश की कि ‘एक देश एक वोटर लिस्ट’ कैसे किया जा सकता है. समिति ने ये भी जानने की कोशिश की कि इस पूरे एक्सरसाइज में कानूनी पहलू क्या हैं. समिति ने लॉ कमिशन से कहा की एक राष्ट्र एक चुनाव के क्रियान्वयन में क्या क्या बाधाएं है! उन सभी अवरोधों के बिंदुओं पर काम करने के लिए समिति ने लॉ कमीशन को बोला है. मिली जानकारी के मुताबिक पूरे रोड मैप और समग्र सूचना के साथ लॉ कमीशन को वन नेशन वन पोल समिति एक बार फिर बुलाएगी.

समिति की बैठक में लॉ कमिशन के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी के अधीनस्थ पदाधिकारियों ने देश में एक साथ चुनाव कराने के संबंध में एक डिटेल प्रेजेंटेशन दिया. मिली जानकारी के मुताबिक विधि आयोग का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल हुआ था. जिन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दी थी. इस प्रेजेंटेशन में मतदानों को कैसे सिंक किया जा सकता है उसपर विस्तृत में चर्चा हुई.