चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केकियांग का 68 साल की उम्र में निधन हो गया है. दावा है कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई है. वह चीन के दूसरे नंबर के नेता माने जाते थे. खासतौर पर देश की अर्थव्यवस्था पर उनकी अच्छी पकड़ थी और अपने दौर में उन्होंने कई बदलाव भी किए. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में ली ने 2013 से मार्च 2022 तक एक दशक तक प्रधानमंत्री के रूप में काम किया. पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के साथ उनके अच्छे संबंध थे. ली का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल समाप्त हो गया लेकिन शी जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल में सत्ता में बने हुए हैं.

ली केकियांग की जगह ली कियांग चीन के मौजूदा प्रधानमंत्री हैं. दोनों ही नेता शांघाई से आते हैं. चीन में इस तरह की मौतों पर पश्चिमी मीडिया की संदिग्ध निगाह होती है, जहां आमतौर पर राजनीतिक किलिंग आम है. गुरुवार को जब उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा तो वह शंघाई में थे. उन्हें होश में लाने की तमाम कोशिशों के बावजूद शुक्रवार आधी रात को उनका निधन हो गया.

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे नंबर के नेता थे ली केकियांग

वह शी जिनपिंग के विरोधी तो नहीं कहते जाते थे लेकिन अपने कार्यकाल के आखिरी समय तक उनकी जिनपिंग से थोड़ी तल्खी कहा जाता है कि बढ़ गई थी. शी जिनपिंग के वफादारों के ग्रुप से वह अलग रहे. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे नंबर के नेता होने के नाते पार्टी पर उनकी अच्छी पकड़ थी. उनके करीबी कहते हैं कि वह एक उत्साहित नेता थे और चीन को आगे बढ़ाने और सभी तरह के लोगों के साथ संवाद को बढ़ावा देने पर जोर देते थे.

वेल्थ गैप को कम करने, किफायती आवास देने के लिए जाने जाएंगे ली

चीनी मीडिया का कहना है कि ली को उनकी व्यावहारिक आर्थिक नीतियों के लिए याद किया जाएगा, जिनकी कोशिश वेल्थ गैप को कम करना और किफायती घर मुहैया कराना शामिल था. अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में उनका अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड था. कोरोना महामारी के दौरान भी देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होने दिया. उनकी रणनीतियों की वजह से ही बाकी देशों के मुकाबले चीन की अर्थव्यवस्था ने अच्छी बढ़त हासिल की.