अयोध्या में दीपोत्सव इस बार कई मायनों में खास होने जा रहा है. वैसे तो 2017 से यहां हर साल दीपोत्सव पर एक नया कीर्तिमान बन रहा है. मगर, रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले होने वाले इस बार के दीपोत्सव को लेकर योगी सरकार बेहद खास तैयारियों कर रही है. इस बार 21 लाख दीपों से अवधपुरी जगमग होगी. इसके साथ ही फिर विश्व कीर्तिमान बनेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक की. इसमें उन्होंने दीपोत्सव, हनुमान जयंती, दीपावली, छठ पूजा, देवोत्थान एकादशी, देव दीपावली आदि पर्वों के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं. उनका सख्त निर्देश है कि शांति, सुरक्षा और सौहार्द के साथ त्योहार मनाया जाए. अराजक तत्वों के साथ कोई नरमी न बरती जाए. कहा है कि दीपोत्सव उल्लास का अवसर है. इसलिए लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए पुलिस काम करे. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों. गलती की कोई गुंजाइश नहीं है.
‘दीपोत्सव हमारी सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा’
उन्होंने कहा कि दीपोत्सव हमारी सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा है. यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के 14 वर्ष के वन प्रवास के बाद अयोध्या लौटने की पावन स्मृति स्वरूप है. अयोध्या दीपोत्सव में भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी, भरत मिलाप, श्रीराम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का प्रतीकात्मक चित्रण भी होगा. सरयू नदी की आरती भी उतारी जाएगी.
‘4 देशों और 24 प्रदेशों की रामलीलाओं का मंचन’
सीएम ने कहा कि 4 देशों और 24 प्रदेशों की रामलीलाओं का मंचन होगा. इस आयोजन पर पूरी दुनिया की नजर है. इसलिए इसकी भव्यता में कोई कमी न हो. अयोध्या जिले में जगह-जगह पर समारोह का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए. मुख्य समारोह होने के बाद लोग आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें, इसके लिए प्लानिंग कर ली जाए. भगदड़ की स्थिति न बने. इसके लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए.