क्या आपने कभी सुना है कि किसी शख्स की मौत होने के बाद, उसकी मौत की सजा पर सुनवाई होगी? शायद नहीं सुना हो. पाकिस्तान में ऐसा होने जा रहा है. मामला पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ से जुड़ा है. मुशर्रफ की मौत के 9 महीने बाद अब उनकी मौत की सजा पर शीर्ष अदालत में सुनवाई की जाएगी.

दरअसल पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की दोषसिद्धि से संबंधित विभिन्न अपील पर सुप्रीम कोर्ट आने वाले शुक्रवार से सुनवाई शुरू करेगा. इन विभिन्न अपीलों में परवेज मुशर्रफ की भी एक अपील शामिल है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत की सजा को पलटने की गुजारिश की थी. परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ मुशर्रफ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

विशेष अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

17 दिसंबर, 2019 को न्यायमूर्ति वकार अहमद सेठ, न्यायमूर्ति नजर अकबर और न्यायमूर्ति शाहिद करीम की तीन न्यायाधीशों की विशेष अदालत ने संविधान के उल्लंघन के लिए अनुच्छेद 6 के तहत पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी करार दिया था. इसके बाद मुशर्रफ की गैरमौजूदगी में उन्हें मौत की सजा देने का ऐलान किया गया था.

लाहौर हाई कोर्ट ने रद्द की मौत की सजा

हालांकि विशेष अदालत के इस फैसले पर पाकिस्तान की सेना ने नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा मुशर्रफ की मौत की सजा को रद्द कर दिया गया था. खास बात ये है कि लाहौर उच्च न्यायालय ने 9 जनवरी साल 2020 को विशेष अदालत पीठ के गठन को ही असंवैधानिक घोषित कर दिया था. लाहौर उच्च न्यायालय के मुताबिक विशेष अदालत का गठन कैबिनेट की मंजूरी के बिना किया गया था. कोर्ट ने इस बात को आधार बनाते हुए इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया.