इजराइल और हमास के बीच पिछले एक महीने से खूनी जंग जारी है. सात अक्टूबर के बाद से ही इजराइल हमास पर हमलावर है. वह गाजा में लगातार बम बरसा रहा है. वो हवाई हमले से हमास के ठिकानों को एक-एक कर ध्वस्त कर रहा है. इजराइली हमले के बाद हमास पूरा अलग-थलग पड़ गया है. अमेरिका और कई इस्लामिक देशों ने गाजा में युद्धविराम को लेकर बात की पर इजराइल ने गाजा में युद्धविराम से साफ इनकार कर दिया. अब आलम ये है कि इजराइल गाजा में घुसकर वार कर रहा है और हमास बिल्कुल पस्त नजर आ रहा है.
ईरान, लेबनान, तुर्की और सऊदी समेत सभी इस्लामिक मुल्क गाजा में इजराइली हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं. ईरान भी खुली वॉर्निंग दे रहा है. कुछ देशों ने इजराइल के राजदूतों को भी अपने यहां से निकाल दिया है. इसके बाद ऐसा माने जाने लगा कि हिजबुल्लाह इजराइल के खिलाफ बड़ी जंग की तैयारी कर रहा है. लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने तो इजराइल को मिसाइल अटैक तक की धमकी दे डाली थी. हिजबुल्लाह के बाद हूती विद्रोहियों ने भी इजराइल पर मिसाइल अटैक कर जंग का ऐलान कर दिया था. ऐसा लगने लगा कि यह युद्ध पूरे मिडिल ईस्ट में फैल जाएगा. पर ऐसा हुआ नहीं. सब के सब किनारे पड़ गए, उधर इजराइल के अटैक जारी हैं और गाजा में उसकी सेना तबाही मचा रही है.
क्या फेल हो गए इस्लामिक देश?
इजराइल हमास जंग को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने पिछले महीने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई थी. जेद्दा में हुई इस बैठक में ओआईसी ने युद्ध के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था. इस बैठक में इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के 57 देशों ने हिस्सा लिया था. सभी देशों ने गाजा में इजराइल के हमले की कड़ी निंदा की थी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील भी की थी. इसके अलावा, सीजफायर की मांग की गई थी और गाजा में मानवीय मदद की बात कही गई थी.
मानवीय मदद तो गाजा में पहुंचने लगी है, लेकिन युद्धविराम के लिए इजराइल ने साफ इनकार कर दिया है. यहां तक कि, युद्धविराम की अमेरिका की अपील को भी इजराइल ने खुले तौर पर रिजेक्ट कर दिया है. इजराइल का कहना है कि हम कुछ वक्त के लिए मानवीय आधार पर हमले जरूर रोक सकते हैं, ताकि आम लोग बाहर निकल सकें क्योंकि हमास उन्हें ढाल बना रहा है लेकिन युद्धविराम नहीं कर सकते. इजराइल ने हमास को पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया है और वो हर दिन इसी काम में लगा है.