इजराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग बड़ी त्रासदी की ओर बढ़ रही है. जंग में अब तक12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हजारों जख्मी लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. इस बीच गाजा के सबसे बड़ा शिफा अस्पताल भी त्रासदी की मार झेल रहा है. यहां ईधन की कमी से लोगों की जान जा रही. वहीं इजराइली सुरक्षा बलों का कहना है कि उसके सैनिकों ने शिफा अस्पताल को 300 लीटर ईंधन पहुंचाया है, ताकि अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था जारी रह सके, लेकिन हमास ने अस्पताल के लिए ईंधन लेने से मना कर दिया है.
आईडीएफ ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा कि उनके सैनिकों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए चिकित्सा उद्देश्य से शिफा अस्पताल में 300 लीटर ईंधन पहुंचाया, लेकिन हमास ने अस्पताल को इसे लेने से मना कर दिया. आईडीएफ ने बताया कि गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय बीते कई हफ्तों से चेतावनी दे रहा है कि उसके अस्पतालों में ईंधन खत्म हो रहा है, अगर ऐसा है तो वो अस्पताल को इसे लेने से क्यों रोक रहे हैं.‘इजराइल ने नहीं की शिफा अस्पताल की घेरबंदी’
वहीं इससे पहले आईडीएफ ने कहा था कि वो शिफा अस्पताल से गाजा के लोगों को दक्षिण की तरफ सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए लगातार गाजा के अस्पताल के कर्मचारियों के साथ काम कर रहा है. आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने बताया कि गाजा से बहुत सारी गलत सूचनाएं आ रही हैं. ऐसे में साफ करना चाहता हूं कि इजराइल ने शिफा अस्पताल की कोई घेरबंदी नहीं की है.
इसके साथ ही हगारी ने बताया कि जो लोग अस्पताल से जाना चाहते हैं उनके लिए अस्पताल का पूर्वी हिस्सा अल-वेहदा स्ट्रीट पर खुला है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने में मदद का अनुरोध किया है, इसके लिए इजराइल जरूरी सहायता मुहैया कराएगा.
‘इजराइली हमलों से अस्पताल की सेवाएं ठप’
इधर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिन उत्तरी गाजा में स्थित अल-शिफा अस्पताल में ईंधन की कमी के चलते तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजराइली सैनिकों के लगातार गोलीबारी करने की वजह से अस्पताल सेवा से बाहर हो गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मुनीर अल बुर्श ने बताया कि बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती 36 बच्चों को कृत्रिम सांस देने के लिए मजबूर किया जा है.