दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली से मंगलवार को जयपुर पहुंच गई हैं. सोनिया गांधी को सांस संबंधी समस्या है. डॉक्टरों ने उन्हें अस्थायी रूप से ऐसे स्थान पर जाने की सलाह दी है, जहां हवा की गुणवत्ता बेहतर हो. दिल्ली की प्रदूषित हवा से दूर सोनिया गांधी जयपुर ऐसे समय में पहुंची हैं, जब राजस्थान विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश काफी गर्म है.

देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यहां पर 5 सालों से सत्ता में है. कांग्रेस अपने दुर्ग को बचाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है तो बीजेपी सत्ता में अपनी वापसी की उम्मीदे लगाए हुए हैं. ऐसे में सोनिया गांधी भले ही दिल्ली के प्रदूषण की वजह से जयपुर गईं हो, लेकिन रणनीतिक और राजनीतिक दोनों ही तौर पर कांग्रेस और उनके लिए काफी मुफीद माना जा रहा है?

सोनिया गांधी के जयपुर जाने के व्यक्तिगत कारण

सोनिया गांधी के जयपुर जाने का पहला कारण माना जा रहा है कि दिल्ली की हवा प्रदूषित और जहरीली हो चुकी है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक तीन सौ से ऊपर है, जो गंभीर श्रेणी में है, जबकि जयपुर का आंकड़ा 60 से 70 के बीच है, जो मध्यम श्रेणी में है. सोनिया गांधी किसी पहाड़ी और पश्चिमी राज्य के बजाय जयपुर जाने की एक बड़ी वजह यह भी है कि दिल्ली से बहुत ज्यादा दूर नहीं है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला या फिर गोवा की तुलना में जयपुर नजदीक है और दोनों ही राज्यों की तुलना में स्वास्थ्य सेवा भी बेहतर है. अगर किसी कारण उनकी सेहत बिगड़ने पर दिल्ली आसानी से आ सकती हैं.

सोनिया गांधी जयपुर में रहने की एक वजह यह भी है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनसे साथ रह सकेंगी. विधानसभा चुनाव प्रचार के लिहाज से राहुल-प्रियंका चार दिनों तक राजस्थान में रहेंगे. राहुल गांधी गुरुवार को पहुंच गए हैं तो प्रियंका गांधी भी पहुंच रही हैं. इस तरह राहुल और प्रियंका हर रोज अपनी मां का हाल चाल ले सकेंगी और उनका ख्याल रख सकेंगी. सोनिया गांधी अगर जयपुर के बजाय किसी दूसरे राज्य में होती तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए विधानसभा चुनाव के बीच आना जाना मुश्किल होता. राहुल व प्रियंका गांधी अगर चुनाव प्रचार के बजाय होते तो उनकी अनुपस्थिति का विपक्ष को सवाल उठाने का मौका मिल जाता.