मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. यानी अब प्राण प्रतिष्ठा में सिर्फ 2 महीने का समय बचा है. ऐसे में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. 22 जनवरी 2024 से पहले मंदिर निर्माण का जो लक्ष्य रखा गया था, उसका लगभग 80% काम पूरा हो चुका है. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ये जानकारी दी.

अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण का हमने जो लक्ष्य लिया है, उसमें लगभग 80% के आसपास हम पहुंच चुके हैं. स्टोन सब आ चुका है, उसकी फिटिंग बाकी है. मूर्तिकारी का काम त्योहार की वजह से थोड़ा धीमा हुआ है, एक-दो दिन में यह फिर गति पकड़ लेगा. 70 खंभों की मूर्तिकारी का काम है, वह ऊपरी हिस्से का पूरा हो चुका है. तय समय में हम काम को पूरा कर लेंगे.

मंदिर में अब तक क्या क्या काम हुआ?

उन्होंने बताया कि मंदिर के परकोटे की स्थिति पूर्व निर्धारित दिशा में चल रही है. बेसमेंट का काम भी दक्षिण दिशा में पूरा हो चुका है. राम मंदिर के पूर्व की दिशा में प्रथम तल का काम चल रहा है. ये 21 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. पश्चिमी दिशा के चारों तरफ की दीवार बन गई है. जल्द मंदिर का ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो जाएगा. सैकेंड फ्लोर का काम चलता रहेगा.

अनिल मिश्रा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले चारों मंडप का काम पूरा हो जाएगा. गृह मंडप का काम अभी चल रहा है. यह आगे भी चलता रहेगा. गर्भगृह का काम पूरा हो चुका है. उसकी सफाई भी हो चुकी है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले प्रथम तल का पूरा काम हो जाएगा.

पुजारी पद के लिए 200 उम्मीदवारों का इंटरव्यू जारी

इससे पहले राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताया गया था कि राम मंदिर में पुजारी पद के लिए 3000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. इसमें से 200 को योग्यता के आधार पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है. इनमें से 20 का चयन किया जाएगा. इसके बाद उनकी ट्रेनिंग होगी. इसमें फेल होने वाले उम्मीदवार भी शामिल हो सकते हैं. चयनित उम्मीदवारों को छह महीने की ट्रेनिंग के बाद पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा और विभिन्न पदों पर तैनात किया जाएगा. ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि जो लोग चयनित नहीं भी हुए हैं, वे भी ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकते हैं, इन्हें प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. इन उम्मीदवारों को भविष्य में मौका दिया जा सकता है. उम्मीदवारों की ट्रेनिंग शीर्ष संतों द्वारा तैयार धार्मिक पाठ्यक्रम पर आधारित होगी. ट्रेनिंग के दौरान उम्मीदवारों को मुफ्त भोजन और आवास मिलेगा और 2,000 रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा.