इजराइल और हमास युद्ध में वायु सेना की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए भारत ने भी वायु सेना की ताकत को और मजबूत करने का फैसला किया है. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को 12 सुखोई 30 एमकेआई (Su-30MKI) लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है. इसके लिए सरकार की ओर से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 10000 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है.
इन सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों का निर्माण एचएएल द्वारा रूसी मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी में भारत में ही किया जाएगा. पिछले 20 सालों में हुए दुर्घटनाओं में 12 सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान हादसे का शिकार होने के बाद नष्ट हुए थे. नए विमान आ जाने से वायुसेना की ये कमी भी पूरी हो जाएगी.
भारतीय वायु सेना 84 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड भी करने जा रही है. सुखोई-30 एमकेआई वायु सेना के पास सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान हैं. भारतीय वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के लगभग 32 स्क्वाड्रन हैं. बताया जा रहा है कि ये चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौती को देखते हुए पर्याप्त नहीं है. हमारे दोनों पड़ोसी मुल्क हर लम्हा भारत को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं.
2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमानों को रिटायर करने की तैयारी
ऐसे में वायु सेना को रणनीतिक रूप से और मजबूत करने की जरूरत है और इसलिए इन विमानों की संख्या को बढ़ाने के दरकार है. दूसरी ओर 2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमानों की उड़ानों पर पूरी तरह रोक लगाने की भी योजना है. इसे देखते हुए सरकार और वायु सेना अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही हैं.
मिग-21 के स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क 1ए बदला जाएगा
वायु सेना ने पहले ही 83 एलसीए मार्क 1ए के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. अब 97 अतिरिक्त विमानों के साथ उस अनुबंध को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इससे वायु सेना में कुल 180 एलसीए मार्क 1ए हो जाएंगे. 2025 तक मिग-21 के स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क 1ए से बदल दिया जाएगा.