मुरैना: आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा गंदी बस्ती उन्मूलन के नाम पर लाखों रुपए साल में खर्च कर दिया जाता है लेकिन विभाग अपने छात्रावास की गंदगी साफ नहीं कर पा रहे हैं। सिद्ध नगर में संचालित होस्टल विभाग की नजर में एक्सीलेंस है लेकिन व्यवस्थाएं उसके हिसाब से नहीं हैं। नाला चोक होने पर छात्रावास परिसर में पिछले एक महीने से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। गंदगी, दुर्गंध व मच्छरों के प्रकोप के चलते छात्राएं यहां रहना नहीं चाहतीं। अधीक्षक तो यदा कदा पहुंचती हैं।

सिद्ध नगर बस्ती का गंदा पानी जिस नाले से होकर नाला नंबर एक तक पहुंचता है, वह नाला एक्सीलेंस छात्रावास के बीच से निकला है। पिछले एक माह पूर्व नाला पूरी तरह चोक हो गया जिससे पानी कृषि मंडी से आगे नहीं बढ़ रहा है इसलिए लौटकर पूरा पानी छात्रावास परिसर में भर रहा है। स्थिति यह है कि यहां अधीक्षक आवास सहित अन्य कर्मचारी व छात्राओं के आवास के चारों तरफ करीब तीन फीट तक पानी भर गया है। अभी भी नाले का पूरा पानी होस्टल में ही चल रहा है। अभी तक अधीक्षक ने भी इस दिशा में कोई पत्र नहीं लिखा है। बताया गया है कि अधीक्षक के पास एक और होस्टल का प्रभार है इसलिए वह यदा कदा ही आती हैं। होस्टल में बमुश्किल दो चार छात्राएं ही रहती हैं लेकिन खर्च छात्राओं को दिखाया जा रहा है।

दो सरकारी कार्यालय सहित बस्ती की रास्ता प्रभावित

एक्सीलेंस होस्टल के मुख्य गेट पर महिला बाल विकास के शहरी व ग्रामीण परियोजना कार्यालय संचालित हैं। पास में ही आंगनवाड़ी केन्द्र, दो तीन स्कूल, हनुमानजी मंदिर भी हैं। मुख्य रास्ते पर नाला चोक होने से पानी भर गया है। इन कार्यालयों सहित बस्ती के लोगों को इस गंदे पानी से होकर ही गुजरना पड़ता है। पैदल राहगीरों को ज्यादा परेशानी होती है।

एक्सीलेंस स्कूल में पानी भरने का मामला संज्ञान में आया है। अभी चुनाव में व्यवस्तता है, मतगणना के बाद उक्त समस्या का स्थायी इलाज करेंगे, तब तक आयुक्त नगर निगम से बात करके कुछ हल निकालते हैं।