कतर की एक कोर्ट ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है. अब नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार कतर से सभी पूर्व नौसैनिकों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रही है. सभी 9 पूर्व नौसैनिकों को 26 नवंबर को मौत की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भारत सरकार की ओर अपील दायर की जा चुकी है और कतर की कोर्ट ने इसे स्वीकार करके इसपर सुनवाई शुरू कर दी है.

एडमिरल आर हरि कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मामले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ”कतर में जिन 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है, वह सभी नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं.” उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने में दिलचस्पी रखते हैं कि उनके कल्याण का ध्यान रखा जाए. भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है कि उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जाए.

कतर की अल दाहरा कंपनी में काम करते थे पूर्व नौसैनिक

बता दें कि जिन 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई गई है, वह सभी कतर की अल दाहरा कंपनी में काम कर रहे थे. इन्हें पिछले साल अगस्त में जासूसी के कथित मामले में हिरासत में लिया गया था. पूर्व नौसैनिकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को न तो कतर सरकार और न ही भारत सरकार की ओर से सार्वजनिक किया गया है. इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमारे लिए यह मामला उच्च महत्व वाला है और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं.

इसी साल 25 मार्च को दायर किए गए थे आरोप

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ इसी साल 25 मार्च को आरोप दायर किए गए थे. इन सभी पर कतरी कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था. पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि सभी अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक का बेदाग कार्यकाल रहा है और उन्होंने बल में प्रशिक्षकों सहित महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं. कंपनी अल-दहरा ग्लोबल ने मई में दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया था. इसके बाद वहां काम करने वाले सभी लोग, जिनमें मुख्य रूप से भारतीय हैं, स्वदेश लौट आए थे.