
चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मोदी का मैजिक पूरी तरह से कायम है. इस बार के चुनाव में जनता के बीच कांग्रेस का जाति जनगणना और लोक लुभावन वादों का दांव बिल्कुल नहीं चला है, इसके उलट इस बार भी जनता ने ‘मोदी की गारंटी’ को तवज्जो दी है. चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के मुताबिक मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है जबकि छत्तीसढ़ में एक बार फिर कमल खिल चुका है. वहीं तेलंगाना की बात करें तो बीजेपी ने पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है.
लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को इसलिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी ने किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है और प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा गया है. भाजपा की ये रणनीति एक बार फिर सफल साबित होती दिख रही है. चार राज्यों में जिस तरह से बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन किया है उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व साफ दिखाई देता है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री मोदी ने 40 के करीब सभाओं को संबोधित किया था. पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 14 चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया था जबकि मिजोरम में उन्होंने एक भी चुनावी सभा में हिस्सा नहीं लिया.
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार एवं कुशासन के मुद्दे पर कांग्रेस पर वार
चुनावों की घोषणा के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले छत्तीगढ़ से चुनावी सभा की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने लगातार कई रैली की, जिसमें मुंगेली, दुर्ग, महासमुंद और विश्रामपुर की जनसभा को काफी अहम माना गया. अपनी हर रैली में पीएम मोदी ने सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने जनसभा के दौरान भ्रष्टाचार एवं कुशासन के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा.