Mizoram Assembly Election 2023: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत मिला है तो तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई है। अगर मिजोरम की बात करें तो 4 साल पुरानी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जीत के झंडे गाड़ दिए हैं. इस पार्टी का नाम है जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम)।

मिजोरम में कुछ 40 विधानसभा सीटें हैं। यहां के 8.52 लाख से अधिक वोटरों ने सोमवार को एनडीए की सहयोगी पार्टी सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सत्ता से बाहर कर दिया है। साल 1987 से MNF और कांग्रेस दोनों पार्टियां ही सत्ता में रही हैं, लेकिन इस बार जनता ने दोनों पार्टी को नकार दिया है। मिजोरम विधानसभा चुनाव में पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व लोकसभा सांसद लालदुहोमा के नेतृत्व वाली पार्टी ZPM को 27 सीटों पर जीत मिली है, जबकि MNF को सिर्फ 10 सीटें मिली हैं। भाजपा को 2 और कांग्रेस 1 सीटों पर ही सिमट गई है।

सीएम पद की रेस में सबसे आगे लालडुहोमा ने सेरचिप सीट से 2,982 मतों के अंतर से जीत हासिल कर ली है तो वहीं, एमएनएफ के चीफ और सीएम जोरमथांगा अपनी पूर्व -1 सीट नहीं बचा पाए। चुनाव परिणाम के आने के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदार लालडुहोमा ने कहा कि हमारी पार्टी एनडीए और INDIA का हिस्सा नहीं बनेगी।

जानें कब अस्तिव में आई थी ZPM पार्टी

4 साल पहले ही 2019 में चुनाव आयोग ने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) को मान्यता दी थी। इस पार्टी के मुखिया का नाम लालदुहोमा है। उन्होंने साल 2018 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय ही ताल ठोंका था और तत्कालीन सीएम लालथनहलवा को पराजित कर दिया था। मिरोजम की राजनीति में चर्चित लालदुहोमा साल 1977 बैच के आईपीएस अफसर रह चुके हैं। वे पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी इंचार्ज भी चुके हैं। उन्होंने साल 1984 में कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। उन्होंने साल 1988 में कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था।